फर्जी बिल से सरकारी धन का गोलमाल
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जौनपुर। स्वच्छता अभियान से खर्च करने हेतु भेजे जानी वाली धनराशि का सदुपयोग किसी भी ग्राम सभा में नहीं किया जाता। इस धनराशि को निकालकर आपस में बन्दरबांट कर फर्जी बिल लगाकर प्रस्तुत कर दिया जाता है। इसमें करोड़ेंा रूपये का गोलमाल हो रहा है। जिले भर के करीब 14 सौ से अधिक गांवों में साफ सफाई और दवा का छिड़काव, मंच्छर मारने की दवा का डीडीटी छिड़काव आदि के लिए स्वास्थ्य मिशन के तहत ग्राम पंचायत में एएनएम तथा ग्राम प्रधानों के संयुक्त खाते में 10 हजार रूपये प्रदान किया जाता है। यह धनराशि ग्राम प्रधान तथा एएनएम मिलकर निकाल लेते है और कहीं भी सफाई और दवा का छिड़काव नहीं किया जाता। इस धनराशि का खुले आम दुरूपयोग हो रहा है। अगर विभाग एक बार बार गांवों की स्थिति पर नजर डाले तो सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा। प्रत्येक वर्ष इस धनराशि का पूरा खर्च दिखाकर फर्जी बिल बाउचर बनाकर स्वास्थ्य विभाग को दे दिया जाता है। गांवों में इस बार न तो दवा का छिड़काव किया गया। न हीं जला मोबिल डाला तथा ओआरएस का घोल भी नहीं बांटा गया। दर असल गांवों की योजनाओं पर सरकार करोड़ों रूपये खर्च करती है और सम्बन्धित लोग मिलकर उसे हजम कर लेते हैं। प्रशासन और विभाग भी इस पर ध्यान नहीं देता। इस धन के दुरूपयोग से हालत यह है कि गन्दगी के कारण मलेरिया रोगियों की अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है।