स्कूलों के मनमानी पर नहीं लगा लगाम
https://www.shirazehind.com/2015/06/blog-post_837.html
जौनपुर। प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए हर हथकण्डे अपनाये जा रहे है और अधिकाधिक बच्चों को भर्ती करने की होड़ लगी हुई है। संचालक प्रवेश के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। इसमें शिक्षा माफिया सक्रिय हैं। पूंजीपति भी स्कूल खोलकर लोगों को लूटने का काम कर रहे हैं। अभिभावक अपने बच्चों को अच्छी दिलाने के नाम पर इनके शोषण का शिकार होता है। इस प्रकार के विद्यालय शिक्षकों का भी शोषण करते हैं। उनसे 10 घण्टे तक मेहनत करायी जाती है और वेतन के नाम पर तीन चार हजार रूपये ही दिये जाते हैं। इनके साथ ही बच्चों को ड्रेस , कापी , किताब भी स्कूल से दी जाती है। जिसमें तगड़ी कमीशनखोरी होती है। यह धन्धा बेसिक से लेकर डिग्री तक चल रहा है। सरकार द्वारा वित्त विहीन मान्यता रेवड़ी की तरह धन लेकर बांटा जा रहा है। जिसपर सरकार का कोई अंकुश नहीं है। इन स्कूल के संचालकों को खुली छूट दे दी गयी है। डिग्री कालेजों पूंजीपति लाखों रूपये सरकार को देकर मान्यता लेते हैं। इसके बाद अनेक कोर्स के नाम पर लाखों रूपये वसूलते है। इन कालेजों में प्रवेश के नाम पर मनमानी फीस ली जाती है। पढ़ाई होती नहीं। छात्र बिना स्कूल जाये व बिना पढ़े प्रथम श्रेणी में रूपये के बल पर पास होता है। यह धन्धा सरकार की देखरेख में चल रहा है। सरकार द्वारा जनता को लूटने के लिए स्कूलों को लाइसेन्स दे दिया गया है। जनपद में उच्च शिक्षा के कई दर्जन कालेज ग्रामीण क्षेत्रों में है, जहां आवागमन का कोई साधन नहीं है। सुदूर क्षेत्रों में खुले विद्यालयों में रूपया लेकर डिग्री बांटा जा रहा है।