हत्यारों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए पति ने मानवाधिकार आयोग से लगाई गुहार
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जफराबाद। पत्नी के हत्यारे के विरूद्ध कार्यवाही के लिए उसका पति माह सितम्बर 2014 से दर-दर भटक रहा है परन्तु अभी तक स्थानीय स्तर पर उसे निराशा ही हाथ लगी है, जिससे उबकर पति ने अब मानवाधिकार आयोग दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश से गुहार लगाई है।
रतन सिंह परमार पुत्र गुलाब सिंह निवासी ग्राम हौज खास, थाना जफराबाद ने मानवाधिकारी आयोग को प्रेषित प्रार्थना पत्र में कहा कि उसके पट्टीदार ने चोरी से उसकी एक भैंस 24 सितम्बर 2014 को दूसरे के हाथ बेच दिया गया। सूचना देने पर पुलिस ने मुकदमा संख्या-137/14 लिख तो लिया परन्तु पट्टीदार को गिरफ्तार नहीं किया। पट्टीदार ने पुलिस से साजिश कर 27 सितम्बर 2014 को मुझे जेल भिजवा दिया और इधर मौके का फायदा उठाकर 29 सितम्बर 2014 को रात में मेरी पत्नी लक्ष्मी सिंह की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए उसके शव को घर से थोड़ी दूर पर स्थित रेलवे लाइन के किनारे डाल दिया गया। पुलिस मेरी पत्नी लक्ष्मी के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद आज तक दोषी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की। रतन सिंह ने बताया कि इस संबंध में जब पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपस्थित होकर न्याय की गुहार लगाई गयी तो उनके द्वारा न्याय करने की बजाय दुबारा यहां न आने की धमकी दी गयी जिससे उबकर अब मुझे मानवाधिकार आयोग दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।
रतन सिंह परमार पुत्र गुलाब सिंह निवासी ग्राम हौज खास, थाना जफराबाद ने मानवाधिकारी आयोग को प्रेषित प्रार्थना पत्र में कहा कि उसके पट्टीदार ने चोरी से उसकी एक भैंस 24 सितम्बर 2014 को दूसरे के हाथ बेच दिया गया। सूचना देने पर पुलिस ने मुकदमा संख्या-137/14 लिख तो लिया परन्तु पट्टीदार को गिरफ्तार नहीं किया। पट्टीदार ने पुलिस से साजिश कर 27 सितम्बर 2014 को मुझे जेल भिजवा दिया और इधर मौके का फायदा उठाकर 29 सितम्बर 2014 को रात में मेरी पत्नी लक्ष्मी सिंह की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए उसके शव को घर से थोड़ी दूर पर स्थित रेलवे लाइन के किनारे डाल दिया गया। पुलिस मेरी पत्नी लक्ष्मी के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद आज तक दोषी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की। रतन सिंह ने बताया कि इस संबंध में जब पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपस्थित होकर न्याय की गुहार लगाई गयी तो उनके द्वारा न्याय करने की बजाय दुबारा यहां न आने की धमकी दी गयी जिससे उबकर अब मुझे मानवाधिकार आयोग दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।