
जौनपुर। जनपद की अधिकतर गढ्ढों में तब्दील हो कर जानलेवा बन गयी हैं। इस पर चलने में जरा भी चूक हुई तो जान का खतरा पैदा हो सकता है। जर्जर सड़कें और डग्गामार वाहन तथा मनमानी वाहन चलाने से हंसी खुशी घर से निकलने वाले यहद सही सलामत अपने घर पहुंच जाय तो यह बड़ी बात है। वजह की सड़के खून की प्यासी बन गयी है। ऐसा कोई दिन शायद ही गुजरता हो जब दुर्घटनायें न होती हो। इस साल अब तक सौ से अधिक लोग दुर्घटना का शिकार बन चुके है। न जाने कितने अपंग और असहाय हुए कितनों का हंसता खेल परिवार बर्बाद हो चुका है। पुलिस समय समय पर यातायात नियमों का पाठ भी पढ़ाती है फिर भी दुर्घटना कम होने का नाम नहीं ले रही है। अप्रशिक्षित वाहन चालकों दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे रहे है। सड़के बनने के बाद उनकी गिट्टियां उखड़ना शुरू हो जाती है और कुछ ही दिनों में खन्दक में तब्दील हो जाती है। खराब सड़कों के बारे में जांच पड़ताल तो होती है लेकिन कार्यवाही नहीं दिखाई देती। पुलिस कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी करती है ताकि लोगों में दहशत में हो और सावधानी पूर्वक चलें। जिससे उनकी जिन्दगी सुरक्षित रह सके। बेखौफ होकर मनमर्जी वाहन चलाया जा रहा है।