लोकप्रियता के चलते की गई शेर बहादुर की हत्या
https://www.shirazehind.com/2015/06/blog-post_563.html
जौनपुर। नेवढि़या थाना क्षेत्र में मढ़ी गांव में पूर्व प्रधान
की हत्या का कारण उनकी लोकप्रियता बताई जा रही है। गांव वालों का कहना है
कि लोगों के सुख दुख में भागीदारी करने वाले पूर्व प्रधान आने वाले चुनाव
में अहम भूमिका निभाते। गांव वालों के बीच हमेशा रहकर उनकी समस्या के लिए
लड़ते थे। यहां तक कि गांव के लोग किसी समस्या पर उन्हें ज्यादातर याद भी
करते। यही बात विरोधियों को साल रही थी। 1995 में खुद प्रधान निर्वाचित हो
चुके शेर बहादुर का लगातार गांव की राजनीति में हस्तक्षेप था। यही वजह थी
कि मौत की खबर लगते ही भारी संख्या में ग्रामीण सड़क पर उतर आए। समय रहते
प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित न कर लिया होता तो परेशानी बढ़ सकती थी।
चक्का जाम के बाद तोड़फोड़ की नौबत भी आ सकती थी ¨कतु एसडीएम ने सूझ बूझ का
परिचय देते हुए लोगों को समझाने का सफल प्रयास किया।
पूर्व प्रधान की मौत के बाद गांव में मातम का माहौल है। दो पक्षों के बीच तनाव की भी स्थिति है। फोर्स लगातार चक्रमण कर रही है। परिवार वालों का रोते बिलखते बुरा हाल है। दरवाजे पर देर सायंकाल तक आस-पास के लोगों का आना जाना लगा रहा।
पूर्व प्रधान की मौत के बाद गांव में मातम का माहौल है। दो पक्षों के बीच तनाव की भी स्थिति है। फोर्स लगातार चक्रमण कर रही है। परिवार वालों का रोते बिलखते बुरा हाल है। दरवाजे पर देर सायंकाल तक आस-पास के लोगों का आना जाना लगा रहा।