गायत्री महायज्ञ की निकली कलश यात्रा
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जौनपुर। गायत्री प्रज्ञा मण्डल जज कालोनी के तत्वावधान में नौ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं विराट संस्कार महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को कलश यात्रा से किया गया। इस अवसर पर 251 पीले कलश धारण किये हुए श्रद्धालु गगन भेदी नारेबाजी करते हुए जयघोष करते हुए प्रज्ञा मण्डल परिसर से ओलन्दगंज, शाहीपुल होते हुए आदि गंगा गोमती के हनुमान घाट तक पहुुंची। जहां श्रद्धालुओं ने कलश लेकर आयी माताओ और बहनो का अभिनन्दन किया। हनुमान घाट से सद्भावना पुल होते हुए कलश यात्रा प्रज्ञा मण्डल वापस लौटी। कलश यात्रा के आगे भगवान गणेश का प्रतीक हाथी एवं अश्वों से सुशोभित श्रद्धालु चल रहे थे। वैकि मंत्रों एवं जयघोष से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया। मार्ग में श्रद्धालु अपने घरो से कलश यात्रा पर अक्षत, पुष्प की वर्षा कर रहे थे। अभिषेक मिश्र ने श्रद्धालुओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि कलश विश्व ब्रह्माण्ड का प्रतीक है। जिस प्रकार विश्व में अगणित शक्तियां प्रेम पूर्वक निवास करती है उसी प्रकार मनुष्य को भी उसी प्रकार मनुष्य को भी प्रेम और सौहार्द पूर्वक रहना चाहिए। कलश यात्रा की समाप्ति पर प्रसाद वितरण किया गया। सांयकाल शान्तकुन्ज हरिद्वार से आयी टोली द्वारा भजन एवं प्रवचन तथा प्रज्ञा पुराण कथा का आयोजन किया गया। जिससे श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये। शान्ति कुन्ज से आये सन्तों ने कहा कि स्वाध्याय एवं सत्संग ईश्वर प्रदत्त पंख है जिनके सहारे स्वर्ग तक उड़ा जा सकता है। अर्थात मुनष्य साधारण मानव से देव स्तर का बन सकता है।