झोलाछाप स्कूलों में तालाबंदी का मंडरा रहा खतरा
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जौनपुर। शासन द्वारा मान्यता पर लगी रोक नहीं हटाई गई। इससे बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों में तालाबंदी का खतरा मंडरा रहा है। खामी के चलते एक लाख से अधिक छात्रों का भविष्य अधर में है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद संसाधनों से लैस विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा शिक्षा दिया जाना है। बिना मान्यता के चल रहे विद्यालयों को बंद करने का सख्त आदेश है। इतना ही नहीं आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी प्राविधान है। शासन के निर्देश पर जनपद में चलाए गए अभियान में छह सौ से अधिक विद्यालयों को चिह्नित किया गया है जो बिना मान्यता के चल रहे हैं। इन विद्यालयों को बंद करने के लिए नोटिस भी दिया गया है। दूसरी तरफ अगस्त 2014 के बाद सरकार ने मान्यता पर रोक लगा दिया है।
विद्यालय संचालक तालाबंदी से बचाने के लिए मानक पूरा कर मान्यता पर लगी रोक हटने का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षण सत्र में परिवर्तन करने के बाद नवंबर व दिसंबर में मान्यता के लिए आनलाइन आवेदन की बात जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कही जा रही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मान्यता की आस में विद्यालय संचालकों ने प्रवेश भी ले लिया है। जुलाई माह में अभियान चलाकर सख्ती की गई तो लगभग छह सौ विद्यालयों में ताले लग जाएंगे जिससे एक लाख से अधिक छात्रों का भविष्य अधर में पड़ जाएगा।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी परमहंस यादव ने कहा कि बिना मान्यता के विद्यालय नहीं चलने पाएंगे। इन विद्यालयों मे पढ़ने वाले छात्रों को नजदीक के परिषदीय स्कूलों में समायोजित कराया जाएगा।