भदोहीः किसान धान की नर्सरी से पहले कराएं बीज शोधन
https://www.shirazehind.com/2015/06/blog-post_309.html
वैज्ञानिकों ने बतायी सोलर पंप की उपयोगिता
किसान योजनाओं लाभ के लिए कराएं पंजीयन
भदोही। जिले के सुरियावां विकासखंड के तुलापुर गांव में धान कलस्टर प्रदर्शन हेतु कृषि निवेश एंव कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन किया गया। जिसमें किसानों को धान की बेहतर उपज और फसलों के रख रखाव के साथ लाभ परक दूसरी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि धान की नर्सरी डालने से पहले बीज शोधन करें। इससे जहां पूरी नर्सरी आएगी वहीं किसानों का अधिक लाभ होगा।
कृषि विशेषज्ञ रामकुबेर यादव ने बताया कि धान की नर्सरी डालने से पहले बीज को टाइकोडमी, कार्वेडांजिम या थीरम से शोधन करने के बाद ही बीज डालें। बीज डालने के बाद नर्सरी पर बीमारियों का प्रकोप भी होता है। अगर पत्तियां सफेद हो रही हों तो फेरस सल्फेट का छिड़काव करें। इसके अलावा पत्तियां अगर पीली पड़ रही हों तो डाइथेम एम-45 दवा का छिड़काव अवश्य करें। इससे नर्सरी रोगमुक्त हो जाएगी। धान की रोपाई के बाद खेतों में खरपतार की सफाई के लिए बूटाक्लोर या प्रैक्टिक्लोर दवा का छिड़काव जरुर करें। किसान भाईयों को चाहिए की धान की नर्सरी डालने के 21 से 25 दिन के मध्य धान की रोपाई अवश्य करा दें। इसके अलावा धान की प्रगति के लिए रसायनिक उर्वरकों का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। उर्वरकों की संतुलित मात्रा डालनी चाहिए। कार्यक्रम में मौजूद उपपरियोजना निदेशक दुर्गा प्रसाद ने बताया कि किसानों को योजनाओं का लाभ पाने के लिए किसान पारदर्शी सेवा योजना का लाभ उठाना चाहिए। किसान इस योजना के तहत अपना पंजीयन जरुर कराएं। उन्होंने मिट्टी की जांच कराने पर विशेष बल दिया। इस दौरान दवेंद्र कुमार पांडेय की ओर से किसानों को सोलर पंप के बारे में जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में किसानों के अलावा अजय कुमार सिंह, संजय कुमार वर्मा, अनिल सिंह व काफी संुख्या में गांव के किसान मौजूद थे।
किसान योजनाओं लाभ के लिए कराएं पंजीयन
भदोही। जिले के सुरियावां विकासखंड के तुलापुर गांव में धान कलस्टर प्रदर्शन हेतु कृषि निवेश एंव कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन किया गया। जिसमें किसानों को धान की बेहतर उपज और फसलों के रख रखाव के साथ लाभ परक दूसरी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि धान की नर्सरी डालने से पहले बीज शोधन करें। इससे जहां पूरी नर्सरी आएगी वहीं किसानों का अधिक लाभ होगा।
कृषि विशेषज्ञ रामकुबेर यादव ने बताया कि धान की नर्सरी डालने से पहले बीज को टाइकोडमी, कार्वेडांजिम या थीरम से शोधन करने के बाद ही बीज डालें। बीज डालने के बाद नर्सरी पर बीमारियों का प्रकोप भी होता है। अगर पत्तियां सफेद हो रही हों तो फेरस सल्फेट का छिड़काव करें। इसके अलावा पत्तियां अगर पीली पड़ रही हों तो डाइथेम एम-45 दवा का छिड़काव अवश्य करें। इससे नर्सरी रोगमुक्त हो जाएगी। धान की रोपाई के बाद खेतों में खरपतार की सफाई के लिए बूटाक्लोर या प्रैक्टिक्लोर दवा का छिड़काव जरुर करें। किसान भाईयों को चाहिए की धान की नर्सरी डालने के 21 से 25 दिन के मध्य धान की रोपाई अवश्य करा दें। इसके अलावा धान की प्रगति के लिए रसायनिक उर्वरकों का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। उर्वरकों की संतुलित मात्रा डालनी चाहिए। कार्यक्रम में मौजूद उपपरियोजना निदेशक दुर्गा प्रसाद ने बताया कि किसानों को योजनाओं का लाभ पाने के लिए किसान पारदर्शी सेवा योजना का लाभ उठाना चाहिए। किसान इस योजना के तहत अपना पंजीयन जरुर कराएं। उन्होंने मिट्टी की जांच कराने पर विशेष बल दिया। इस दौरान दवेंद्र कुमार पांडेय की ओर से किसानों को सोलर पंप के बारे में जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में किसानों के अलावा अजय कुमार सिंह, संजय कुमार वर्मा, अनिल सिंह व काफी संुख्या में गांव के किसान मौजूद थे।