मन एवं शरीर में वायु का नियंत्रण ही योग है
https://www.shirazehind.com/2015/06/blog-post_298.html
अन्तराष्ट्रीय योग दिवस पर ग्रामीणों, बुद्धजीवियों एवं बच्चों ने भाग लिया
सरपतहाँ। रुधौली स्थानीय संस्था वन औषधि एवं पर्यावरण सुरक्षा संस्थान द्वारा ग्राम सभा लौरा, उधरनपुर मेला के मध्य प्राकृतिक वातावरण में प्रातः योग क्यों आवश्यक है पर गोष्ठी तथा उसका प्रशिक्षण प्रशिक्षकों द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ0 रणजीत सिंह प्रधानाचार्य समोधपुर ने कहा कि मन एवं शरीर में वायु का नियंत्रण ही योग है। विश्व के 192 देश इस योग का प्रशिक्षण बड़े ही आत्मविश्वास के साथ बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिये। भारत इस स्वस्वथ्य तन-मन को बनाए रखने की विधा का अगुआ हो रहा है।
स्वामी विवेकानन्द का सपना साकार हो रहा है जब पूरा विश्व एक साथ जिसमें जाति, धर्म, भाषा या राजनीति की संकीर्णता से हटकर योग में सम्मिलित हो रहा है। आज जब गलाकाट संस्कृति, तनाव और अवसाद में मनुष्य अकेला हो गया है, हिंसा, रक्तपात बढ़ रहे हैं, व्यक्ति की प्रतिरक्षण क्षमता घट रही है, तब विश्व ने भारत की इस विधा को स्वीकार किया है। आने वाले वर्षों में लोगों के तन एवं मन को स्वस्थ रखने में योग अहम् भूमिका निभायेगा। इस महापर्व में सबके योगदान की आवयकता है।
अध्यक्षता कर रहे हौसिला प्रसाद मिश्र ने योग की क्रियाओं द्वारा योग क्यों आवश्यक है, पर प्रकाश डाला। संरक्षक जगदम्बा प्रसाद मिश्र, निदेशक प्रमोद मिश्र ने योग पर प्रकाश डाला। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अरुण कुमार सिंह ‘मुन्ना’ ने सबके लिए योग पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन दीपक सिंह ‘प्रेमी’ ने किया। इस अवसर पर मुख्य रुप से मुरलीधर सिंह, जगदम्बा मिश्र, प्रमोद, राकेश सिंह, बच्चा, उदयभान सिंह, राम उजागिर सिंह, जितेन्द्र बहादुर सिंह, राकेश, अनिल सहित करीब 150 लोग उपस्थित रहे।
सरपतहाँ। रुधौली स्थानीय संस्था वन औषधि एवं पर्यावरण सुरक्षा संस्थान द्वारा ग्राम सभा लौरा, उधरनपुर मेला के मध्य प्राकृतिक वातावरण में प्रातः योग क्यों आवश्यक है पर गोष्ठी तथा उसका प्रशिक्षण प्रशिक्षकों द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ0 रणजीत सिंह प्रधानाचार्य समोधपुर ने कहा कि मन एवं शरीर में वायु का नियंत्रण ही योग है। विश्व के 192 देश इस योग का प्रशिक्षण बड़े ही आत्मविश्वास के साथ बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिये। भारत इस स्वस्वथ्य तन-मन को बनाए रखने की विधा का अगुआ हो रहा है।
स्वामी विवेकानन्द का सपना साकार हो रहा है जब पूरा विश्व एक साथ जिसमें जाति, धर्म, भाषा या राजनीति की संकीर्णता से हटकर योग में सम्मिलित हो रहा है। आज जब गलाकाट संस्कृति, तनाव और अवसाद में मनुष्य अकेला हो गया है, हिंसा, रक्तपात बढ़ रहे हैं, व्यक्ति की प्रतिरक्षण क्षमता घट रही है, तब विश्व ने भारत की इस विधा को स्वीकार किया है। आने वाले वर्षों में लोगों के तन एवं मन को स्वस्थ रखने में योग अहम् भूमिका निभायेगा। इस महापर्व में सबके योगदान की आवयकता है।
अध्यक्षता कर रहे हौसिला प्रसाद मिश्र ने योग की क्रियाओं द्वारा योग क्यों आवश्यक है, पर प्रकाश डाला। संरक्षक जगदम्बा प्रसाद मिश्र, निदेशक प्रमोद मिश्र ने योग पर प्रकाश डाला। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अरुण कुमार सिंह ‘मुन्ना’ ने सबके लिए योग पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन दीपक सिंह ‘प्रेमी’ ने किया। इस अवसर पर मुख्य रुप से मुरलीधर सिंह, जगदम्बा मिश्र, प्रमोद, राकेश सिंह, बच्चा, उदयभान सिंह, राम उजागिर सिंह, जितेन्द्र बहादुर सिंह, राकेश, अनिल सहित करीब 150 लोग उपस्थित रहे।