जिला अस्पताल की नर्स ने गर्भवती महिला के जीवन के साथ किया खिलवाड़
https://www.shirazehind.com/2015/06/blog-post_128.html
वाराणसी में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही है पीडि़ता, परिजन परेशान
जौनपुर। नगर के सूरज बिहारी कटरा (टीडी कालेज मार्ग) निवासी सरिता पत्नी हर्षित ने पुलिस
अधीक्षक से मिलकर लिखित रूप से शिकायत करते हुये न्याय की गुहार लगायी है। उसके अनुसार अगस्त 2014 में उसे महसूस हुआ कि वह गर्भवती है जिस पर 21 अगस्त को वह महिला चिकित्सालय गयी जहां अरसिया नामक नर्स मिली जिसने कहा कि वह मीरमस्त थाना कोतवाली में स्थित अपने घर पर बच्चा पैदा करने के साथ ही जांच, दवा आदि की व्यवस्था की है। शाम को परिजन उसके घर ले गये जहां कई तिथि को बुलाकर दवा दी। साथ ही 3 मार्च को घर पर भर्ती करने की बात कही जिसका परिजन ने पालन किया। नार्मल डिलवरी की बात कहते हुये वह दवा, डिलवरी, खून चढ़ाने आदि के नाम पर 30 हजार रूपये ले ली और ब्लड के स्थान पर आयरन इंजेक्शन ग्लूकोज की बोतल में मिलाकर चढ़ायी। हालांकि उसने जुड़वा बच्चा पैदा करायी लेकिन उसी दिन पीडि़ता का पेशाब बंद हो गया। 3 दिन तक रोककर गलत दवा देने की वजह से प्रार्थिनी की किडनी खराब हो गयी। अत्यधिक तबियत खराब होने पर 10 मार्च को जिला महिला अस्पताल में भर्ती हुई जहां से 13 मार्च को जवाब दे दिया गया। वाराणस के बीएचयू में भर्ती हुई तो दूसरे दिन वहां से भी जवाब दे दिया गया। इस समय प्रार्थिनी डायलेसिस केन्द्र वाराणसी में जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रही है। पीडि़ता सहित परिजनों ने आरक्षी अधीक्षक से लिखित रूप से शिकायत करते हुये उस नर्स के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग किया है।
जौनपुर। नगर के सूरज बिहारी कटरा (टीडी कालेज मार्ग) निवासी सरिता पत्नी हर्षित ने पुलिस
अधीक्षक से मिलकर लिखित रूप से शिकायत करते हुये न्याय की गुहार लगायी है। उसके अनुसार अगस्त 2014 में उसे महसूस हुआ कि वह गर्भवती है जिस पर 21 अगस्त को वह महिला चिकित्सालय गयी जहां अरसिया नामक नर्स मिली जिसने कहा कि वह मीरमस्त थाना कोतवाली में स्थित अपने घर पर बच्चा पैदा करने के साथ ही जांच, दवा आदि की व्यवस्था की है। शाम को परिजन उसके घर ले गये जहां कई तिथि को बुलाकर दवा दी। साथ ही 3 मार्च को घर पर भर्ती करने की बात कही जिसका परिजन ने पालन किया। नार्मल डिलवरी की बात कहते हुये वह दवा, डिलवरी, खून चढ़ाने आदि के नाम पर 30 हजार रूपये ले ली और ब्लड के स्थान पर आयरन इंजेक्शन ग्लूकोज की बोतल में मिलाकर चढ़ायी। हालांकि उसने जुड़वा बच्चा पैदा करायी लेकिन उसी दिन पीडि़ता का पेशाब बंद हो गया। 3 दिन तक रोककर गलत दवा देने की वजह से प्रार्थिनी की किडनी खराब हो गयी। अत्यधिक तबियत खराब होने पर 10 मार्च को जिला महिला अस्पताल में भर्ती हुई जहां से 13 मार्च को जवाब दे दिया गया। वाराणस के बीएचयू में भर्ती हुई तो दूसरे दिन वहां से भी जवाब दे दिया गया। इस समय प्रार्थिनी डायलेसिस केन्द्र वाराणसी में जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रही है। पीडि़ता सहित परिजनों ने आरक्षी अधीक्षक से लिखित रूप से शिकायत करते हुये उस नर्स के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग किया है।