मंत्री जगदीश सोनकर ने बाटा 300 श्रमिकों को साईकिल

जौनपुर।  राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन जगदीश सोनकर द्वारा आज 11 बजे मछलीशहर विकास खण्ड सभागार में श्रम विभाग, उ0प्र0 की योजनाओं के द्वारा पंजीकृत श्रमिकों को साईकिल सहायता योजना के अन्तर्गत अनुदान स्वरूप निर्माण श्रमिकों को 300 साईकिल वितरण किया गया। मंत्री ने बताया कि प्रदेश के  मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा जनता की विभिन्न कल्याणकारी योजनाए चलाई जा रही है जिसमें प्रमुख योजना में श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के कल्याण के लिए 15 योजनाए शासन द्वारा चलाया जा रहा है जिसमें शिशु हितलाभ योजना उ0प्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत लाभार्थी श्रमिकों के नवजात शिशुओं को उनके जन्म से दो वर्ष की आयु पूूर्ण होने तक पौष्टिक आहार की व्यवस्था कराया जाना है यह लाभ अधिकतम दो बच्चों तक देय होगा तथा वर्ष में एक बार एक मुश्त (लड़का होने पर रू0 10,000, लड़की पर रू0 12,000 प्रति शिशु की दर से) दो वर्ष की आयु तक देय है। मातृत्व हितलाभ योजना में लाभार्थी महिला कर्मकारों को प्रसव के उपरान्त पौष्टिक आहार की व्यवस्था कराया जाये तथा रू0 12,000 दो किस्तों में पंजीकृत महिला कर्मकार को और रू0 6,000 दो किस्त में पुरूष कर्मकार की पत्नी को, प्रथम किस्त-प्रसव के उपरान्त एवं द्वितीय किस्त बी0सी0जी0 टीकाकरण पूर्ण होने पर देेय होगा, बालिका मदद योजना में पुत्रियों की आर्थिक मदद कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो पंजीकृत महिला/पुरूष निर्माण श्रमिक जो न्यूनतम 01 वर्ष से सदस्य हो तथा अंशदान जमा किया हो। परिवार मे जन्मी पहली बालिका को लाभ मिलेगा, दूसरी को तभी मिलेगा जब दोनों सन्तानें बालिका हों। यदि प्रथम एवं द्वितीय प्रसव में एक से अधिक बालिकाएं जन्मती है तो सभी को लाभ अनुमन्य होगा। कानूनी रूप से गोद ली हुई बालिका को प्रथम बालिका मानते हुए लाभ अनुमन्य होगा जो रू0 20,000 एकमुश्त बतौर सावधि जमा, 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ही परिपक्व होगा तथा भुगतान आविवहित रहने पर ही देय है  अक्षमता पेंशन योजना में सभी पंजीकृत श्रमिक जो दुर्घटना/बीमारी के कारण पूर्ण एवं स्थायी रूप से (50 प्रतिशत व अधिक) अक्षम हों लेकिन लाभार्थी कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अन्तर्गत पेंशन का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र न हों, को रू0 1,000 बतौर पेंशन लाभार्थी के अक्षम हो जाने पर जीवन काल तक देय होगा। बीमारी से तात्पर्य लकवा, कुष्ठ रोग, कैंसर, तपेदिक एवं अन्य गम्भीर बीमारी, जिससे श्रमिक अक्षम हो गया हो। दुर्घटना सहायता योजना में सभी पंजीकृत कर्मकार या आश्रितों पति/पत्नी, अविवाहित पुत्रियाँ, अवयस्क पुत्रों तथा निर्भर माता-पिता को देय होगा, कार्यस्थल पर कार्य के दौरान या इतर मृत्यु होने पर, पंजीकृत महिला कर्मकार की प्रसव के दौरान मृत्यु पर रू0 5,00,000 एक मुश्त कर्मकार की मृत्यु हो जाने पर आश्रितों को देय होगा, रू0 3,00,000 कर्मकार की स्थायी पूर्ण अपंगता पर रू0 2,00,000 स्थायी आंशिक विकलांगता पर बतौर अनुग्रह धनराशि देय होगा। पुत्री विवाह अनुदान योजना में जो कि पंजीकृत निर्माण श्रमिक (महिला एवं पुरूष) तथा श्रमिक का न्यूनतम 3 वर्ष तक नियमित सदस्य होना अनिवार्य है और नियमित अंशदान जमा हो को रू0 40,000 निर्माण श्रमिक की सभी पुत्रियों को प्रति पुत्री की दर से विवाह योग्य पुत्रियों के विवाह संस्कार के लिए अनुमन्य होगा, मृत्यु एवं अंत्येष्टि सहायता में श्रमिक की मृत्यु की स्थिति में उसकी अन्येष्टि एवं अंतिम संस्कार के लिए रू0 15,000 अंतिम संस्कार व्यय के रूप में, रू0 10,00,000 एकमुश्त तत्कालिक सहायता राशि के रूप में आश्रितों को दी जायेगी। परन्तु यह सहायता राशि आत्महत्या जैसी स्थिति में अनुमन्य नही होगी।
        कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष राज नारायण बिन्द ने शासन की श्रमिक हितकारी योजनाओं के लिए सरकार को तथा उपस्थित जनमानस को आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी मछलीशहर विजय बहादुर सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी आर0पी0सिंह यादव, खण्ड विकास अधिकारी जी0पी0 कुशवाहा मंत्री प्रतिनिधि जिशान हैदर बबलू आदि उपस्थित रहे।

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