पुलिस की कार्यशैली ही बढ़ा रही अपराध
https://www.shirazehind.com/2015/04/blog-post_84.html
केस दर्ज कराने के लिए पीडि़त काटते हैं थाने का चक्कर
जौनपुर। कानून व्यवस्था को लेकर सपा सरकार यूं ही विपक्ष के निशाने पर नहीं है। कीमत देकर थाना-चैकी पर तैनाती पाने वाले वर्दीधारियों की मनमानी चरम सीमा पार करती जा रही है। अपराधी बेलगाम हो गए हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली ही अपराध बढ़ा रही है। चोरी, लूट, छिनैती, डकैती और अपहरण की वारदातें बढ़ती जा रही हैं। आंकड़े में अपराध कम रहें इसके लिए पुलिस एफआईआर दर्ज करती ही नहीं। पुलिस की रुचि सिर्फ उसी मामले में रहती है जिसमें ऊपरी कमाई होती है। शहर कोतवाली पुलिस इस मामले में और भी आगे है। भुक्तभोगी थाने-चौकी और अधिकारियों के यहां चक्कर लगाते थक कर बैठ जाते हैं। इससे अपराधियों का हौंसला और भी बढ़ जाता है।
सुजानगंज में गत 26 फरवरी को घर से स्कूल के लिए निकला सात बरस का बच्चा लापता हो गया। उसी दिन शाम को परिजन ने थाने पर सूचना दी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। दूसरे दिन ग्रामीणों और परिजन ने थाने का घेराव किया। तब शनिवार को पुलिस गुमशुदगी का मामला दर्ज कर हाथ पर हाथ धर बैठ गई। सोमवार को बालक की लाश घर के पीछे अहाते में स्थित कुएं में पाई गई। उसकी गला घोट कर हत्या की गई थी। गुस्साए परिजन और ग्रामीण कातिलों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस को शव पोस्टमार्टम के लिए कब्जेे में नहीं लेने दे रहे थे। खबर पाकर आईं मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल खुद भी घंटों धरना देती रहीं लेकिन पुलिस पर कोई फर्क नहीं पड़ा। आरोपियों को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। ताजा तरीन मामला शहर के ख्वाजगी टोला निवासी कृष्ण कुमार जायसवाल की टवेरा चोरी होने का है। चार दिन बीत चुके हैं लेकिन शहर कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। मामला संदिग्ध होना बता कर उन्हें बार-बार कोतवाली का चक्कर लगाने को मजबूर कर रही है। छानबीन कर टवेरा बरामद कर चोरों की गिरफ्तारी करने को कौन कहे पुलिस वाहन स्वामी को ही मानसिक यातना दे रही है। तीन महीने के भीतर ही एसपी वीपी श्रीवास्तव का तबादला हो गया। उनकी जगह युवा आईपीएस दिनेश कुमार पी को सरकार ने जिला पुलिस की कमान सौंपी है। काबिले गौर होगा कि उनके कार्यभार संभालने के बाद पुलिस के रवैय्ये में बदलाव आता है या नहीं।
जौनपुर। कानून व्यवस्था को लेकर सपा सरकार यूं ही विपक्ष के निशाने पर नहीं है। कीमत देकर थाना-चैकी पर तैनाती पाने वाले वर्दीधारियों की मनमानी चरम सीमा पार करती जा रही है। अपराधी बेलगाम हो गए हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली ही अपराध बढ़ा रही है। चोरी, लूट, छिनैती, डकैती और अपहरण की वारदातें बढ़ती जा रही हैं। आंकड़े में अपराध कम रहें इसके लिए पुलिस एफआईआर दर्ज करती ही नहीं। पुलिस की रुचि सिर्फ उसी मामले में रहती है जिसमें ऊपरी कमाई होती है। शहर कोतवाली पुलिस इस मामले में और भी आगे है। भुक्तभोगी थाने-चौकी और अधिकारियों के यहां चक्कर लगाते थक कर बैठ जाते हैं। इससे अपराधियों का हौंसला और भी बढ़ जाता है।
सुजानगंज में गत 26 फरवरी को घर से स्कूल के लिए निकला सात बरस का बच्चा लापता हो गया। उसी दिन शाम को परिजन ने थाने पर सूचना दी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। दूसरे दिन ग्रामीणों और परिजन ने थाने का घेराव किया। तब शनिवार को पुलिस गुमशुदगी का मामला दर्ज कर हाथ पर हाथ धर बैठ गई। सोमवार को बालक की लाश घर के पीछे अहाते में स्थित कुएं में पाई गई। उसकी गला घोट कर हत्या की गई थी। गुस्साए परिजन और ग्रामीण कातिलों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस को शव पोस्टमार्टम के लिए कब्जेे में नहीं लेने दे रहे थे। खबर पाकर आईं मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल खुद भी घंटों धरना देती रहीं लेकिन पुलिस पर कोई फर्क नहीं पड़ा। आरोपियों को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। ताजा तरीन मामला शहर के ख्वाजगी टोला निवासी कृष्ण कुमार जायसवाल की टवेरा चोरी होने का है। चार दिन बीत चुके हैं लेकिन शहर कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। मामला संदिग्ध होना बता कर उन्हें बार-बार कोतवाली का चक्कर लगाने को मजबूर कर रही है। छानबीन कर टवेरा बरामद कर चोरों की गिरफ्तारी करने को कौन कहे पुलिस वाहन स्वामी को ही मानसिक यातना दे रही है। तीन महीने के भीतर ही एसपी वीपी श्रीवास्तव का तबादला हो गया। उनकी जगह युवा आईपीएस दिनेश कुमार पी को सरकार ने जिला पुलिस की कमान सौंपी है। काबिले गौर होगा कि उनके कार्यभार संभालने के बाद पुलिस के रवैय्ये में बदलाव आता है या नहीं।