
जौनपुर। बालिकाएं किसी भी राष्ट्र की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तान्तरित करने का सबसे सशक्त माध्यम होती है, इसलिये इनके कौशलों का अधिकतम विकास करके किसी भी राष्ट्र को उन्नति के शिखर तक पहुंचाया जा सकता है। उक्त बातें पतंजलि योग समिति के तत्वावधान में डोभी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में आयोजित योग शिविर में योग विस्तारक अचल हरिमूर्ति ने कही। इस दौरान उन्होंने योग के क्रियात्मक अभ्यासों के क्रम में बच्चों को सूर्य नमस्कार, योगिंग, जागिंग, भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, अग्निसार, नौली क्रिया, भ्रामरी, उद्गीथ सहित अन्य प्राणायामों के साथ ध्यान की एक विशेष प्रक्रिया का अभ्यास कराते हुये उनसे होने वाले लाभों को भी बताया। इस अवसर पर वार्डेन अल्का सिंह, प्रशिक्षक लाल बहादुर, सोनिया श्रीवास्तव, विनय कुमार, ममता मौर्य, गोरखनाथ, उमेश शर्मा सहित अन्य उपस्थित रहे।