30 लाख कापियों में महज दस हजार का मूल्यांकन

 जौनपुर।  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कापियों का मूल्यांकन कच्छप गति से चल रहा है। एक माह से अधिक समय के बाद भी 30 लाख कापियों के सापेक्ष महज दस हजार का मूल्यांकन किया गया। ऐसे में शासनादेश के बावजूद समय से परीक्षा परिणाम देने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारी व परीक्षक अगर गति नहीं पकड़ेंगे तो इसका बहुत बुरा परिणाम देखने को मिलेगा।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 550 महाविद्यालयों के 4.85 लाख परिक्षार्थीयों ने हिस्सा लिया था। जिनकी परीक्षा दस मार्च से शुरू हो गई है। हर बार से पहले इस बार मूल्यांकन कार्य 25 मार्च से शुरू करा दिया गया है। इस बार मूल्यांकन कार्य को पूर्ण कराने के लिए तीन हजार परीक्षक लगाए जाने की संभावना है। जिसमें 1500 आंतरिक व 1500 बाह्य परीक्षक होंगे। जिससे परीक्षा परिणाम सही समय पर निकल सके। इस दौरान महज संगीत, पत्रकारिता, ¨हदी व सैन्य विज्ञान का ही मूल्यांकन हो सका है। बाकी गृह विज्ञान व ¨हदी जैसे विषय का मूल्यांकन कार्य जारी है। अभी तक सिर्फ मैकेनिकल भवन स्थित केंद्र पर मूल्यांकन कार्य कराया जा रहा है। इसके अलावा कला संकाय व आईबीएम भवन में मूल्यांकन कार्य की शुरूआत नहीं हो सकी है। सबसे खराब स्थिति को¨डग-डिको¨डग प्रक्रिया की है। यह पूरा न होने से मूल्यांकन कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। को¨डग का कार्य अतिगोपनीय होने के बाद भी इसे मूल्यांकन केंद्र पर बाहरी कक्ष में कराया जा रहा है। जिससे इसकी गोपनीयता पर सवाल उठ रहा है। मूल्यांकन की ²ष्टि से राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, शिक्षाशास्त्र जैसे विषयों का मूल्यांकन अगर पहले हो जाए तो परिणाम निकालने में आसानी होगी। वजह कि इन्हीं विषयों में सबसे अधिक कापियां होती है।
इस बाबत रजिस्ट्रार वीके पांडेय ने कहा कि परीक्षा मूल्यांकन को गति देने के लिए कार्य किया जा रहा है। जिससे छात्रों का समय से परीक्षा परिणाम निकल सके।

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