आधरहीन व्यवस्था से आम नागरिक खफा
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जौनपुर। केन्द्र और प्रदेश सरकार की आधारहीन व्यवस्था के चक्रव्यूह में फंसा आम नागरिक परेशान हो रहा है लेकिन शासन प्रशासन उनका माखौल उड़ा रहा है। आम नागरिक कभी राशन कार्ड तो कभी आधार कार्ड के जाल में फंसकर बाजारों और गलियों का चक्कर लगा रहा है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सबको मतदाता पहचान पत्र उपलब्ध कराने में अधिकारी व कर्मचारी दायित्व निर्वहन में लगे थे लेकिन दस वर्षो के सामूहिक प्रयास का प्रतिफल सफल नहीं हो पाया। केन्द्र की भाजपा सरकार आये दिन गैस, सब्सिडी, राशन, तेल तथा अन्य सब्सिडी का फरमान जारी करक आम नागरिकों के मन में आधार कार्ड के प्रति बेचैनी बढ़ा रही है। चैराहे और बाजारों में जनसेवा केन्द्र पर भारी भीड़ लगती है और लोगों का शोषण खुलेआम हो रहा है। ग्रामीण अंचल में सभी का आधार कार्ड बनवाना टेढ़ी खरी प्रतीत हो रहा है। यही दशा राशन कार्ड की है। पांच साल बीतने के बाद भी राशन कार्ड बनने सम्बन्धी नीति निर्धारण नहीं हो सका। आये दिन बैक खाता को लेकर कभी महिला मुखिया के नाम पर तुगलकी फरमान जारी किये जा रहे हैं। शासन की नीति से यही परिलक्षित होता है कि आम नागरिक जितना परेशान हो माननीयों को उतनी ही सुख शान्ति मिलती है।