परम ऊर्जावान होता है परमात्माः रामदयाल
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जौनपुर। अगर हम धर्मग्रंथों पर नजर डालें तो कहा गया है कि यह परमपिता परमात्मा आदि, अनादि, सत्य सनातन है। न इसका जन्म होता है और न ही इसकी मृत्यु होती है। इस परमात्मा को परम ऊर्जा कहा गया है। धर्मग्रंथों में जीव को भी इसी परमात्मा का अंश बताया है। जैसा कि रामचरितमानस में तुलसीदास जी कहते हैं- ईश्वर अंश जीव अविनासी’। अर्थात् जीवन भी इसी परम ऊर्जा से उत्पन्न हुआ है। उक्त उद्गार नौपेड़वा स्थित मई मार्ग पर गोरियापुर के राइस मिल के पास महात्मा फौजदार द्वारा आयोजित सत्संग समारोह में उपस्थित संत समूह को सम्बोधित करते हुये रामदयाल जी ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ब्रह्म ज्ञान के द्वारा समस्त मानव जाति को परमात्मा के साथ जोड़कर आत्मा का कल्याण कर रहे हैं। इस अवसर पर सुरेन्द्र प्रताप, राम प्रसाद मिश्र, सूर्य कुमार, राम पलट, चमेला देवी, संतोष जी, श्यामदेव, रामधारी, रामदेव, विजय रत्न उपस्थित रहे। मंच का संचालन रामचन्दर जी ने किया।