
जौनपुर। जिले के ग्रामीण क्षेत्र के हर छोटे बड़े बाजारो में स्थित दवा की दुकानो पर नकली दवाओ का कार¨बार बड़े पैमाने पर अपना पांव जमा चुका है। मेडिकल स्ट¨र पर संचालक ऐसी दवाओ को बेखौफ बेचकर कई गुना ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में इन्सानियत व नियम कानून को ताख पर रखकर लोगो को असमय काल के गाल में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं लेकिन प्रशासन अ©र स्वास्थ्य विभाग उन्हें जेल भेजने की बजाय महीने में मोटी धन उगाही करके मौत का नंगा खेल खेलने की खुली छूट दे रखी है जो आने वाले समय में काफी घातक सिद्ध होगा। मेडिकल स्टोर्स पर नकली और घटिया किस्म की दवाओ से पटी पड़ी है, जो बीमार लोगो को स्वस्थ्य करने की बजाय झटपट मौत के दरवाजें पर पहुंचा रही है। जबकि ऐसी दवाओ का अधिक दिनों तक सेवन करने वाले मरीज जल्दी यमराज के चौखट पर दस्तक दे रहे हैं। इन दवाओ के खाने से फायदा कम नुकसान ज्यादा होता है। दवा विक्रेता अपना तथा अपनी दुकान का विस्तार करने और अपने घर को सुख-समृद्धि से परिपूर्ण करने के लिए मरीजो से अच्छा-खासा पैसा लेकर जहर की टिकिया व सुई बेचते हैं, वहीं ऐसी दवाओ को लिखने वाले विशेषज्ञ डाक्टर जिन्हें भगवान का दूसरा रुप आज के समय मे ंमाना गया है, परन्तु ये लोग ऐसे दुकानदारो की दवाओ को लिखते हैं जिससे उन्हें इन दुकानदारो तथा सेल्समैंन¨ं से कमीशन के रुप में अच्छी कीमते व गिट आइटम प्राप्त होते हैं और ऐसे चिकित्सक ही चिकित्सा क्षेत्र की गरिमा को धूल धूसरित करते हुए फर्जी कंपनियां के नकली दवायें अपनी डिसपेन्सरियां व अपने चहेतें के मेडिकल स्टोर्स पर भारी मात्र में रखवाते हैं। नकली दवाओ में फायदें का आलम यह है कि 50 पैसे का टेबलेट 5 रुपये में व 15 रुपये का खासी का सीरप 50 रुपयें में खुलेआम बेचा जा रहा है।