भदोही को मिली मुख्यमंत्री की अनूठी सौगातसे निर्यातक खुश
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भदोही। सूबे के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से रविवार को सरकारी आवास पर जनपद भदोही को मिले कारपेट बाजार की अनूठी सौगात से कालीन उद्यमियों की बांछे खिल गयी हैं। इसे कालीन उद्योग के विकास में सरकार की विकासवादी सोच का एक अहम फैसला माना जा रहा है। सीएम की इस घोषणा से कालीन निर्यातकों में दीवाली सरीखा महौल दिखा। सरकार के इस कदम को उद्यमियों से सराहा है। कालीन उद्योग के विकास के लिए उद्यमी इसे बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर खुद इस बाजार की आधारशिला रखी है। इसके साथ ही उन्होंने इसे दो साल के अंदर कार्यदायी संसथा का पूरा करने को कहा है। उद्यमियों का मानना है कि कालीन मेलों के लिए दिल्ली और दूसरे स्थानों पर जाना पड़ता था। भदोही में मेगा बजार उपलब्ध न होने से कालीन की प्रदर्शनी लगाने में उद्यमियों को बेहद परेशानी उठानी पड़ती थी। उद्यमियों का मानना है कि प्रदेश सरकार की आद्यौगिक विकास नीति से काली निर्यात में जहां एक मुकाम हासिल होगा। वहीं छोटे कालीन निर्यातकों को भी एक बड़ा बाजार उपलब्ध होगा। कालीन निर्यातक तनवीर हुसौन अंसारी ने उद्योग के विकास में सरकार का बड़ा कदम बताया है। यह निर्यातकों, बुनकरों और उद्योग से जुड़े सभी लोगों के लिए अच्छी खबर है। उनका मानना है कि कारपेट बाजार इस उद्योग को बड़ा बाजार दिलाने में नया मुकाम हासिल करेगा। कालीन निर्यातक रवि पटौदिया ने कहा है कि इससे उद्योग को बड़ा परमोशन मिलेगा। यह अच्छा कदम है। इससे कालीन उद्योग को नहीं बल्कि पूर्वांचल के सभी उद्योगों का लाभ मिलेगा। उन्हें एक बड़ा बाजार मिलेगा। प्रदेश सरकार का यह बड़ा कदम है। उद्योग जगत इससे उत्साहित है। सबसे बड़ी बात है कि सीएम ने खुद निर्माण की समय सीमा तय कर दी है। इसे औद्योगिक विकास में प्रदेश सरकार की सकारात्मक पहल के रुप में देखा जा रहा है। प्रदेश की अखिलेश सरकार इधर कालीन उद्योग के विकास के लिए कई सहूलियें उपलब्ध करा निर्यातकों के लिए सकारात्मक संदेश दिया हैं
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर खुद इस बाजार की आधारशिला रखी है। इसके साथ ही उन्होंने इसे दो साल के अंदर कार्यदायी संसथा का पूरा करने को कहा है। उद्यमियों का मानना है कि कालीन मेलों के लिए दिल्ली और दूसरे स्थानों पर जाना पड़ता था। भदोही में मेगा बजार उपलब्ध न होने से कालीन की प्रदर्शनी लगाने में उद्यमियों को बेहद परेशानी उठानी पड़ती थी। उद्यमियों का मानना है कि प्रदेश सरकार की आद्यौगिक विकास नीति से काली निर्यात में जहां एक मुकाम हासिल होगा। वहीं छोटे कालीन निर्यातकों को भी एक बड़ा बाजार उपलब्ध होगा। कालीन निर्यातक तनवीर हुसौन अंसारी ने उद्योग के विकास में सरकार का बड़ा कदम बताया है। यह निर्यातकों, बुनकरों और उद्योग से जुड़े सभी लोगों के लिए अच्छी खबर है। उनका मानना है कि कारपेट बाजार इस उद्योग को बड़ा बाजार दिलाने में नया मुकाम हासिल करेगा। कालीन निर्यातक रवि पटौदिया ने कहा है कि इससे उद्योग को बड़ा परमोशन मिलेगा। यह अच्छा कदम है। इससे कालीन उद्योग को नहीं बल्कि पूर्वांचल के सभी उद्योगों का लाभ मिलेगा। उन्हें एक बड़ा बाजार मिलेगा। प्रदेश सरकार का यह बड़ा कदम है। उद्योग जगत इससे उत्साहित है। सबसे बड़ी बात है कि सीएम ने खुद निर्माण की समय सीमा तय कर दी है। इसे औद्योगिक विकास में प्रदेश सरकार की सकारात्मक पहल के रुप में देखा जा रहा है। प्रदेश की अखिलेश सरकार इधर कालीन उद्योग के विकास के लिए कई सहूलियें उपलब्ध करा निर्यातकों के लिए सकारात्मक संदेश दिया हैं