
जौनपुर। जिले की कानून व्यवस्था लुंज पुज हो गयी है और पुलिस तमाशबीन बनी है। संघर्ष और अराजकता का खुलकर प्रदर्शन हो रहा है और गरीबों के साथ ही पुलिस वाले भी पीटे जा रहे है। साम्प्रदायिक एकता को भी धक्का लगा है। होली में गुण्डागर्दी का बोलबाला रहा और यहां की गंगा जमुनी तहजीब को तार तार किया गया। इस दौरान पुलिस की निष्क्रियता और प्रशासन की सुस्ती प्रदर्शित हुई। छेड़खानी के मुकदमें दर्ज कराने के लिए चक्का जाम किया जा रहा है। मछली शहर कोतवाली क्षेत्र के कटाहित खास में जातिय संघर्ष तथा लाइन बाजार थाना क्षेत्र के सैदनपुर में भी जमीन कब्जे को लेकर बवाल के दौरान गोली चलाने की घटना पुलिस की लापरवाही का ही नतीजा है। कटाहित खास में पुलिस को पीटा गया और वह असहाय बनी रही। जमीनों पर अवैध कब्जा पुलिस की शह पर ही किया जाता है। गरीबों की जमीनों पर गुण्डे और भू-माफिया अवैध कब्जा कर रहे है। सत्ता धारी दल के नेताओं की क्षत्रछाया की वजह से भू-माफियाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है। अवैध खनन का भी खेल सत्ताधारी खेल रहे हैं। शिकायत पर पुलिस और राजस्व अधिकारी मोटी रकम लेकर प्रकरण को ठण्डे बस्ते में डालकर जांच की बात करते है और जांच कभी पूरी ही नहीं होती। आये दिन हो रही चोरियों मंें लाखों पार कर दिये जा रहे है। मोटर साइकिलें तो पलक झपकते ही उड़ा दी जाती है। एफआईआर दर्ज कराने के लिए सत्ताधारी नेताओं की शरण में जाना पड़ता है। सबसे कठिन मुकदमा कायम कराना साबित हो रहा है। पुलिस की लचर कार्य प्रणाली का खामियाजा आम आदमी भोग रहा है और थानेदार और उनके अफसर जेब भरने में लगे हुए है।