गमगीन माहौल में मनाया गया शहीदाने कर्बला का चेहलुम
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कहीं सुपुर्द ए खाक तो कहीं सुपुर्द ए आब किये गये ताजिये
जौनपुर। कर्बला के शहीदों का चेहलुम जिले में रविवार को गमगीन माहौल में मनाया गया। इस मौके पर जगह जगह मजलिसें आयोजित हुई जिसके बाद इमाम चैकों पर रखे गये ताजिये व शबीहे तुर्बत, अलम, जुलजनाह को साथ जुलूस कर्बला पहुंचा जहां गंजे शहीदां में ताजियों को सुपुर्द ए खाक किया गया। नगर में मुफ्ती मोहल्ला अली घाट और मोहल्ला कटघरा व बख्शा के रन्नो गांव में परम्परा के अनुसार ताजिये का जुलूस निकालकर नौहा व मातम करती हुई अंजुमनों ने तुरबत व ताजियों को सुपुर्द ए आब किया। मुफ्ती मोहल्ला में गोमती नदी को अली घाट पर जबकि रन्नो में कर्बला को तालाब पर ताजियों को सुपुर्द ए आब किया गया।
इसके पूर्व शनिवार की रात सभी इमाम चैकों पर मजलिस व मातम के साथ ताजिये रखे गये और पूरी रात नौहा व मातम होता रहा। रविवार को अपनेकृअपने समय पर लोगों ने मजलिस के बाद ताजियों को उठाया और जुलूस की शक्ल में कर्बला के लिए रवाना हुये। नगर के मुफ्ती मोहल्ला का जुलूस गोमती नदी के अली घाट पर स्थित इमामबारगाह से उठाया गया। इसके पूर्व मौलाना महफुजुल हसन ने मजलिस को खेताब करते हुए कहा कि करबला में हजरत इमाम हुसैन और उनके 7१ साथियों ने इंसानियत को बचाने के लिए अपना सर कटा दिया पर सर झुकाया नही। आज हमलोग इस ठंड के माहौल में जब पारा एक डिग्री से भी कम है और बारिश हो रही है हजारों की संख्या में लोग यहा एकत्र होकर उनका चेहलूम मना रही है। यह इस बात की तस्दीक है कि इमाम हुसैन का गम मनाने के लिए किसी की परवाह नही करते हैं। इसके बाद मौलाना हसन अकबर ने तकरीर किया और एक-एक कर अलम व ताजिये के साथ अमारियां बरामद हुई। जिसके हमराह नगर की सभी अंजुमनें नौहा मातम करती हुई गोमती नदी के अली घाट तट पर पहुंची जहां मौलाना रजी हैदर बिस्वानी ने मजलिस को खेताब किया और अलम को तुर्बत से मिलाया गया और सभी अलम व तुर्बत गंजे शहीदा ले जाए गए जहां उन्हें ठंडा किया गया। जबकि ताजियों को सुपुर्द ए आबकर दिया गया। जुलूस के संयोजक सैयद मेहदीउल हसन ने लोगों का आभार प्रकट किया। इसी क्रम में नगर के कटघरा मोहल्ले का जुलूस अपरान्ह 3 बजे उठाया गया। इसके पूर्व शिया धर्म गुरू मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने मजलिस को खेताब किया। इसके बाद शबीहे जुलजनाह अलम, शबीहे ताबूत व ताजिये उठाये गये जिसके हमराह अंजुमन हुसैनिया बलुआघाट नौहा व मातम करती हुई कदीम रास्तों से होते हुए स्थानीय करबला में मौलाना की तकरीर के बाद तुरबत व ताजियों को सुपुर्दे खाक किया गया। दोनों जुलूसों में सिटी मजिस्ट्रेट व एसडीएम सदर ज्ञानेंद्र सिंह, सीओं सिटी अभिषेक सिंह, नगर कोतवाल सीबी सिंह सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
जौनपुर। कर्बला के शहीदों का चेहलुम जिले में रविवार को गमगीन माहौल में मनाया गया। इस मौके पर जगह जगह मजलिसें आयोजित हुई जिसके बाद इमाम चैकों पर रखे गये ताजिये व शबीहे तुर्बत, अलम, जुलजनाह को साथ जुलूस कर्बला पहुंचा जहां गंजे शहीदां में ताजियों को सुपुर्द ए खाक किया गया। नगर में मुफ्ती मोहल्ला अली घाट और मोहल्ला कटघरा व बख्शा के रन्नो गांव में परम्परा के अनुसार ताजिये का जुलूस निकालकर नौहा व मातम करती हुई अंजुमनों ने तुरबत व ताजियों को सुपुर्द ए आब किया। मुफ्ती मोहल्ला में गोमती नदी को अली घाट पर जबकि रन्नो में कर्बला को तालाब पर ताजियों को सुपुर्द ए आब किया गया।
इसके पूर्व शनिवार की रात सभी इमाम चैकों पर मजलिस व मातम के साथ ताजिये रखे गये और पूरी रात नौहा व मातम होता रहा। रविवार को अपनेकृअपने समय पर लोगों ने मजलिस के बाद ताजियों को उठाया और जुलूस की शक्ल में कर्बला के लिए रवाना हुये। नगर के मुफ्ती मोहल्ला का जुलूस गोमती नदी के अली घाट पर स्थित इमामबारगाह से उठाया गया। इसके पूर्व मौलाना महफुजुल हसन ने मजलिस को खेताब करते हुए कहा कि करबला में हजरत इमाम हुसैन और उनके 7१ साथियों ने इंसानियत को बचाने के लिए अपना सर कटा दिया पर सर झुकाया नही। आज हमलोग इस ठंड के माहौल में जब पारा एक डिग्री से भी कम है और बारिश हो रही है हजारों की संख्या में लोग यहा एकत्र होकर उनका चेहलूम मना रही है। यह इस बात की तस्दीक है कि इमाम हुसैन का गम मनाने के लिए किसी की परवाह नही करते हैं। इसके बाद मौलाना हसन अकबर ने तकरीर किया और एक-एक कर अलम व ताजिये के साथ अमारियां बरामद हुई। जिसके हमराह नगर की सभी अंजुमनें नौहा मातम करती हुई गोमती नदी के अली घाट तट पर पहुंची जहां मौलाना रजी हैदर बिस्वानी ने मजलिस को खेताब किया और अलम को तुर्बत से मिलाया गया और सभी अलम व तुर्बत गंजे शहीदा ले जाए गए जहां उन्हें ठंडा किया गया। जबकि ताजियों को सुपुर्द ए आबकर दिया गया। जुलूस के संयोजक सैयद मेहदीउल हसन ने लोगों का आभार प्रकट किया। इसी क्रम में नगर के कटघरा मोहल्ले का जुलूस अपरान्ह 3 बजे उठाया गया। इसके पूर्व शिया धर्म गुरू मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने मजलिस को खेताब किया। इसके बाद शबीहे जुलजनाह अलम, शबीहे ताबूत व ताजिये उठाये गये जिसके हमराह अंजुमन हुसैनिया बलुआघाट नौहा व मातम करती हुई कदीम रास्तों से होते हुए स्थानीय करबला में मौलाना की तकरीर के बाद तुरबत व ताजियों को सुपुर्दे खाक किया गया। दोनों जुलूसों में सिटी मजिस्ट्रेट व एसडीएम सदर ज्ञानेंद्र सिंह, सीओं सिटी अभिषेक सिंह, नगर कोतवाल सीबी सिंह सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।