कृषि परिसर में लगा मेला, किसानों ने कहा समय से मिले खाद बीज
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जौनपुर। कृषि परिसर में आज किसान मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में जहां किसानो द्वारा उत्पादित की गयी साग सब्जियों का प्रर्दशन किया गया वही अत्याधुनिक कृषि यंत्रो की नुमाईश की गयी। कार्यक्रम में आये किसानों को कम रसायनिक खाद प्रयोग करने की सलाह दिया गया। साथ अत्याधुनिक तरीके से फसलों की बुआयी करने का तरीका भी कृषि वैज्ञानिको ने बताया। इस मेले का शुभारम्भ जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने फीता काटकर किया। इस मेेले का सबसे आकर्षण केन्द्र रहा एक जादूगर। राजेश श्रीवास्तव नामक इस जादूगर ने अपनी कला के माध्यम से हरित क्रांति दुग्ध उत्पादन समेत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। मेले आये किसानों को यह प्रर्दशनी और वैज्ञानिको द्वारा बताये गये गुर तो अच्छी लगी लेकिन समय से खाद बीज न मिलने का मलाल उनके दिलो में जरूर दिखा।
ज जिलाधिकारी सुहास एलवाई की अध्यक्षता में आज पूर्वान्ह 11 बजे से पालिटेक्निक कृषि परिसर में किसान मेला/रबी गोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम फीता काटकर जिलाधिकारी ने किसान मेले में लगाये गये विभिन्न विभागों द्वारा स्टालों का निरीक्षण किया तथा संबंधित अधिकारियों/ किसानों को सफल प्रदर्शन के लिए बधाई भी दिया। रबी गोष्ठी का उद्घाटन जिलाधिकारी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
उप कृषि निदेशक आर0के0सिंह ने अतिथियों एवं आये हुए किसानों का स्वागत करते हुए बताया कि जिले में कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 999713 हे0 में से 279074 हे0 क्षेत्रफल में खेती की जाती है। जिसके अन्तर्गत 228830 हे0 क्षेत्रफल में रबी की फसलों की बुआई का लक्ष्य है। गेहूं एवं जौ की प्रमोशनल प्रजातियों पर राज्य सरकार द्वारा 400/- रू0 प्रति कुन्तल तथा मेन्टेनेन्स प्रजातियों पर 200/- रू0 प्रति कु0 अनुदान देय है। इसी प्रकार दलहन की प्रमोशनल प्रजातियों पर राज्य सरकर द्वारा 800 रू0 प्रति कु0 तथा मेन्टेनेन्स प्रजातियों पर 600 रू0 प्रति कु0 अनुदान देय है।अपनी मिट्टी पहचाने अभियान के अन्तर्गत 17 अक्टूबर से 1 नवम्बर 2014 तक 37960 मृदा नमूना एकत्रित कराकर परीक्षण कराते हुए कृषकों को संतुलित मात्रा में उर्वरक एवं खाद प्रयोग की जानकारी दी गयी। प्रगतिशील कृषक उमानाथ यादव, आर0पी0सिंह, तारकनाथ यादव, मिथिलेश कुमार सिंह, राजधारी पटेल, महेन्द्र कुमार मिश्र, रामराज यादव, भोलानाथ पाल आदि ने खेती में आ रही विभिन्न समस्याओं को रखा जिसे उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों ने मौके पर ही समाधान बताया।
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने किसानों को आश्वस्त किया कि आप सबकी समस्याओं के प्रति प्रशासन सतर्क दृष्टि रखे हुए है निरंतर आपके समस्याओं का निदान कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि विषम परिस्थितियों में भी गांव में किसान मुस्कराकर उन्नतिशील खेती करके स्वयं के साथ प्रदेश एवं देश की जनता का भरण-पोषण करता है।
मुख्य विकास अधिकारी पी0सी0श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 आई0ए0खान,पी0डी0 सत्येन्द्रनाथ चैधरी, डी0डी0ओ. तेजप्रताप मिश्र, रामजी सिंह सलाहकार कृषि विभाग, अधि0अभियंता विद्युत आर0डब्लू पौल, सिचाई एस0के0सिंह, ए0आर0कोआपरेटिव बी0के0सिंह, जिला कृषि अधिकारी मनीष सिंह, कृषि वैज्ञानिक डाॅ0 संदीप कुमार, डाॅ0 नरेन्द्र रघुवंसी, डाॅ0 अनिल कुमार यादव, डाॅ0 वी0पी0राजपूत, डाॅ0 एस0पी0सिंह, जी0एल0 सिंह, डा0 सुरेश कन्नौजिया आदि ने अपने-अपने विभागीय योजनाओं के साथ ही खेती के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए। संचालन डाॅ0 सुरेन्द्र सोनकर ने किया।
इस अवसर पर सौर्य ऊर्जा, लघु सिचाई, भूमि संरक्षण, उद्यान, इफको, यू0पी0स्टेट, यू0पी0एग्रो0, कृषि विज्ञान केन्द्र, रेशम, गन्ना, मत्स्य, डेयरी, कृषि रक्षा आदि द्वारा पाण्डाल लगाये गये थे।
ज जिलाधिकारी सुहास एलवाई की अध्यक्षता में आज पूर्वान्ह 11 बजे से पालिटेक्निक कृषि परिसर में किसान मेला/रबी गोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम फीता काटकर जिलाधिकारी ने किसान मेले में लगाये गये विभिन्न विभागों द्वारा स्टालों का निरीक्षण किया तथा संबंधित अधिकारियों/ किसानों को सफल प्रदर्शन के लिए बधाई भी दिया। रबी गोष्ठी का उद्घाटन जिलाधिकारी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
उप कृषि निदेशक आर0के0सिंह ने अतिथियों एवं आये हुए किसानों का स्वागत करते हुए बताया कि जिले में कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 999713 हे0 में से 279074 हे0 क्षेत्रफल में खेती की जाती है। जिसके अन्तर्गत 228830 हे0 क्षेत्रफल में रबी की फसलों की बुआई का लक्ष्य है। गेहूं एवं जौ की प्रमोशनल प्रजातियों पर राज्य सरकार द्वारा 400/- रू0 प्रति कुन्तल तथा मेन्टेनेन्स प्रजातियों पर 200/- रू0 प्रति कु0 अनुदान देय है। इसी प्रकार दलहन की प्रमोशनल प्रजातियों पर राज्य सरकर द्वारा 800 रू0 प्रति कु0 तथा मेन्टेनेन्स प्रजातियों पर 600 रू0 प्रति कु0 अनुदान देय है।अपनी मिट्टी पहचाने अभियान के अन्तर्गत 17 अक्टूबर से 1 नवम्बर 2014 तक 37960 मृदा नमूना एकत्रित कराकर परीक्षण कराते हुए कृषकों को संतुलित मात्रा में उर्वरक एवं खाद प्रयोग की जानकारी दी गयी। प्रगतिशील कृषक उमानाथ यादव, आर0पी0सिंह, तारकनाथ यादव, मिथिलेश कुमार सिंह, राजधारी पटेल, महेन्द्र कुमार मिश्र, रामराज यादव, भोलानाथ पाल आदि ने खेती में आ रही विभिन्न समस्याओं को रखा जिसे उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों ने मौके पर ही समाधान बताया।
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने किसानों को आश्वस्त किया कि आप सबकी समस्याओं के प्रति प्रशासन सतर्क दृष्टि रखे हुए है निरंतर आपके समस्याओं का निदान कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि विषम परिस्थितियों में भी गांव में किसान मुस्कराकर उन्नतिशील खेती करके स्वयं के साथ प्रदेश एवं देश की जनता का भरण-पोषण करता है।
मुख्य विकास अधिकारी पी0सी0श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 आई0ए0खान,पी0डी0 सत्येन्द्रनाथ चैधरी, डी0डी0ओ. तेजप्रताप मिश्र, रामजी सिंह सलाहकार कृषि विभाग, अधि0अभियंता विद्युत आर0डब्लू पौल, सिचाई एस0के0सिंह, ए0आर0कोआपरेटिव बी0के0सिंह, जिला कृषि अधिकारी मनीष सिंह, कृषि वैज्ञानिक डाॅ0 संदीप कुमार, डाॅ0 नरेन्द्र रघुवंसी, डाॅ0 अनिल कुमार यादव, डाॅ0 वी0पी0राजपूत, डाॅ0 एस0पी0सिंह, जी0एल0 सिंह, डा0 सुरेश कन्नौजिया आदि ने अपने-अपने विभागीय योजनाओं के साथ ही खेती के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए। संचालन डाॅ0 सुरेन्द्र सोनकर ने किया।
इस अवसर पर सौर्य ऊर्जा, लघु सिचाई, भूमि संरक्षण, उद्यान, इफको, यू0पी0स्टेट, यू0पी0एग्रो0, कृषि विज्ञान केन्द्र, रेशम, गन्ना, मत्स्य, डेयरी, कृषि रक्षा आदि द्वारा पाण्डाल लगाये गये थे।