आस्था व विश्वास के साथ विसर्जित हुईं आदिशक्ति की प्रतिमाएं
https://www.shirazehind.com/2014/10/blog-post_24.html
अबीर-गुलाल एवं पुष्पवर्षा के बीच भक्तों ने जमकर किया नृत्य
जौनपुर। जय माता दी, हर-हर बम-बम सहित अन्य गगनचुम्बी जयघोष के साथ आदि शक्ति मां दुर्गा सहित अन्य देवी/देवताओं की प्रतिमाएं जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में बनाये गये जलाशयों में आस्था एवं विश्वास के साथ विसर्जित कर दी गयीं। इस दौरान जहां भक्तों ने अबीर-गुलाल उड़ाकर भक्ति गीतों की धुन सहित ढोल, ताशा, नगाड़ा पर नृत्य किया, वहीं लोगों ने अपने मकानों से माता रानी पर पुष्पवर्षा भी किया। शोभायात्रा के शुभारम्भ स्थल से लेकर विसर्जन घाट तक तमाम स्वयंसेवी संगठनों द्वारा जगह-जगह स्टाल लगाकर हलुआ, चना, बताशा, काफी, चाय, पानी सहित चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की गयी थी जिसका लोगों ने भरपूर आनन्द उठाया। पूरे मेले का संचालन कोतवाली चैराहे पर बने नियंत्रण कक्ष से हो रहा था जहां संचालन की जिम्मेदारी सुशील वर्मा एडवोकेट निभा रहे थे। इसके पहले सभी संस्थाएं अपनी प्रतिमा को शोभायात्रा के रूप में लेकर अहियापुर मोड़ पर पहुंचीं जहां जिलाधिकारी सुहास एलवाई एवं पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने माता रानी की आरती उतारने के साथ हरी झण्डी दिखाकर शोभायात्रा का शुभारम्भ किया। वहां से चली शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुये नखास स्थित विसर्जन घाट पर पहुंची जहां बने जलाशय में एक-एक करके सभी प्रतिमाओं को विसर्जित कर दिया गया। जनपद के इस ऐतिहासिक पर्व को सम्पन्न कराने में जहां एक ओर श्री दुर्गा पूजा महासमिति के सभी पदाधिकारियों की भूमिका सराहनीय रही, वहीं सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टिकोण से जनपद के तमाम प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भारी लाव-लश्कर के साथ मौजूद रहे जबकि स्वयं जिलाधिकारी व आरक्षी अधीक्षक बीच-बीच में मेले का चक्रमण करते नजर आये।
कमोवेश यही स्थिति जनपद के अन्य क्षेत्रों में भी देखी गयी।
जौनपुर। जय माता दी, हर-हर बम-बम सहित अन्य गगनचुम्बी जयघोष के साथ आदि शक्ति मां दुर्गा सहित अन्य देवी/देवताओं की प्रतिमाएं जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में बनाये गये जलाशयों में आस्था एवं विश्वास के साथ विसर्जित कर दी गयीं। इस दौरान जहां भक्तों ने अबीर-गुलाल उड़ाकर भक्ति गीतों की धुन सहित ढोल, ताशा, नगाड़ा पर नृत्य किया, वहीं लोगों ने अपने मकानों से माता रानी पर पुष्पवर्षा भी किया। शोभायात्रा के शुभारम्भ स्थल से लेकर विसर्जन घाट तक तमाम स्वयंसेवी संगठनों द्वारा जगह-जगह स्टाल लगाकर हलुआ, चना, बताशा, काफी, चाय, पानी सहित चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की गयी थी जिसका लोगों ने भरपूर आनन्द उठाया। पूरे मेले का संचालन कोतवाली चैराहे पर बने नियंत्रण कक्ष से हो रहा था जहां संचालन की जिम्मेदारी सुशील वर्मा एडवोकेट निभा रहे थे। इसके पहले सभी संस्थाएं अपनी प्रतिमा को शोभायात्रा के रूप में लेकर अहियापुर मोड़ पर पहुंचीं जहां जिलाधिकारी सुहास एलवाई एवं पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने माता रानी की आरती उतारने के साथ हरी झण्डी दिखाकर शोभायात्रा का शुभारम्भ किया। वहां से चली शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुये नखास स्थित विसर्जन घाट पर पहुंची जहां बने जलाशय में एक-एक करके सभी प्रतिमाओं को विसर्जित कर दिया गया। जनपद के इस ऐतिहासिक पर्व को सम्पन्न कराने में जहां एक ओर श्री दुर्गा पूजा महासमिति के सभी पदाधिकारियों की भूमिका सराहनीय रही, वहीं सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टिकोण से जनपद के तमाम प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भारी लाव-लश्कर के साथ मौजूद रहे जबकि स्वयं जिलाधिकारी व आरक्षी अधीक्षक बीच-बीच में मेले का चक्रमण करते नजर आये।
कमोवेश यही स्थिति जनपद के अन्य क्षेत्रों में भी देखी गयी।