गड्ढे में विसर्जन न करने पर काफी देर तक अड़ीं रहीं कई समितियां
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विसर्जन घाट पर बनाये गये गड्ढे में आदि शक्ति मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद का दृश्य |
जौनपुर। गंगा बचाओ अभियान के तहत दाखिल किये गये वाद पर गम्भीर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन न करने के निर्णय का जहां एक ओर जिला एवं पुलिस प्रशासन ने अक्षरशः पालन किया, वहीं दर्जन भर से अधिक पूजन समितियों द्वारा नारेबाजी करते हुये गड्ढे में विसर्जन न करने का विरोध किया गया। हालांकि काफी मान-मनौव्वल एवं न्यायालय का हवाला देते हुये किसी तरह विसर्जन हो गया लेकिन इसको लेकर काफी देर तक हो-हल्ला के साथ तनाव भी व्याप्त रहा। अहियापुर मोड़ से चली शोभायात्रा में शामिल ऐसी दर्जन भर पूजन समितियां रहीं जो नखास स्थित विसर्जन घाट पहुंचने पर गड्ढे में विसर्जन न करने पर अड़ गयीं। उनका कहना रहा कि वह नदी में विसर्जन करेंगे, क्योंकि गड्ढे में जहां पानी कम है, वहीं पानी भी गंदा है। घण्टों चली जद्दोजहद के बाद किसी तरह उनकी प्रतिमाओं का विसर्जन अंततः बनाये गये गड्ढे में ही हो गया लेकिन ऐसी पूजन समितियों ने आक्रोश भरे शब्दों में कहा कि यदि यह गड्ढा एवं पानी साफ है तो जिलाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक उसमें नहा कर दिखायें। ऐसे में पुलिस अपने अंदाज में ऐसे लोगों से निबटती नजर आयी। फिलहाल इसको लेकर लोगों में आक्रोश देखा गया।