सुपाड़ी पर उकेरा भगवान गणेश को

 गणेश चतुर्थी का महापर्व 29 अगस्‍त से शुरू हो रहा है। चारों तरफ इस पर्व को लेकर धूम मची हुई है। बाजारों में भी हर दुकान पर अलग-अलग प्रकार की भगवान गणेश की मूर्तियां सज गई हैं। ऐसे में एक शख्‍स विजय मूर्तिकार महादेव की काशी नगरी में रहते हुए भी भगवान गणेश के अनोखे भक्‍त हैं। इन्‍होंने अभी तक चार लाख से भी ज्‍यादा गणपति की पेंटिंग और मूर्तियों को बनाया है। 
विजय मूर्तिकार ने सुपाड़ी, रुद्राक्ष, तेज पत्‍ता, इलायची, राई, राजमा चावल, बादाम, दाल समेत कई चीजों पर बखूबी भगवान गणेश को उकेरा है। हर बार ये अलग भाव और मुद्राओं में गणेश को दर्शाते हैं, जो अपने आप में अद्भुत है। इन मुद्राओं में कभी भगवान गणपति योग मुद्रा में दिखते हैं तो कभी एक क्रिकेट प्‍लेयर बन जा जाते हैं। इन्‍होंने अपनी मूर्तियों के संग्रह को गणेश समुंद्रम का नाम दिया है। 
विजय मूर्तिकार से बातचीत करने पर उन्‍होंने बताया कि वे तीन साल की उम्र से भगवान गणेश के भक्‍त हैं। इनका कहना है कि किसी भी कार्य की शुरुआत गणेश की अनुमति से ही होती है। शास्‍त्रों में भी उनके पहले पूजन का विधान है। ये महज पंद्रह सेकेंड में ही गणेश की आकृति को कागजों पर उकेर सकते हैं। 
मूर्तिकार ने बताया कि, वर्ष 2007 में मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में उन्‍होंने बिना अन्न-जल के लगातार 56 घंटों तक 3500 से ज्‍यादा क्रिएशन किया था। उनका यह अद्भुत कार्य लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। इसके साथ ही काशी में वर्ष 2010 में 51 घंटों तक लगातार बिना अन्न-जल के 3600 से भी ज्‍यादा क्रिएशन किया। यह रिकॉर्ड भी दर्ज हो चुका है, जिसका प्रमाणपत्र आने वाला है। काशी के ही दुर्गविनायक मंदिर में वर्ष 2010 में 56 मिनट में 56 गणेश भगवान की मूर्तियों को बनाया था ।

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