वाराणसी - इलाहाबाद के चक्कर में चरमराई गैस वितरण व्यवस्था , उपभोक्ता हलकान
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जौनपुर। इण्डियन गैस वितरण प्रणाली व्यवस्था ध्वस्त होने से जौनपुर नगर के कई घरों में चुल्हा जलना शुरू हो गया हैं किसी किसी घर के लोग होटलों का सहारा लेने को मजबूर हो गये है। उधर उपभोक्ता गैंस सिलेन्डर लेने के लिए भोर से लम्बी लम्बी कतारें लगाकर खडे़ रहते है लेकिन जब उन्हे 12 तक यह पता लगा है कि आज भी गाड़ी नही आयी तो लोग मायूस होकर घर को लौट जा रहे है। इस मामले पर जब ऐजेन्सी मालिक अनुज विक्रम सिंह से बात किया गया तो उन्होने बताया कि 6 दिन के भीतर मात्र 588 सिलेन्डर मिला है जबकि अब तक 3672 सिलेंडर मिलना चाहिए था। इस मामले पर एरिया वितरण मैनेजर को फोन लगाया गया तो उनका मोबाईल स्वीच आफ बता रहा है।
हम आप को बताते चले कि 20 दिन पूर्व जौनपुर जिलें में इण्डियन गैस की सप्लाई वाराणसी से होती थी लेकिन कुछ दिन पूर्व यह आपूर्ति इलाहाबाद से कर दी गयी है। जिस दिन से यह व्यवस्था परिवर्तन हुआ है उसी दिन सें पूरी व्यवस्था चैपट हो गयी है। हालत यह है कि इस माह में अब तक 3672 सिलेंडर आकर बट जाना चाहिए था मात्र 588 सिंलेन्डर ही बाटे गये है। ऐसी स्थिति उपभोक्ता अपने सारे काम धाम छोड़कर पूरे दिन गैस लेने के लिए लाईन लगाये रहते है। यदि यही हाल रहा तो उपभोक्ताओं का गुस्सा फूट सकता हैै जिसका परिणाम कुछ भी हो सकता है। ऐजेन्सी मालिक का कहना है कि हम निचे लेकर ऊपर तक के अधिकारियों से बात किया लेकिन आज तक व्यवस्था में कोई सुधार नही आया है। हमारे यहां प्रतिदिन चार सौ से लेकर पांच सौ उपभोक्ता आते है सभी को किसी तरफ से समझा बुझाकर वापस किया जा रहा है।
हम आप को बताते चले कि 20 दिन पूर्व जौनपुर जिलें में इण्डियन गैस की सप्लाई वाराणसी से होती थी लेकिन कुछ दिन पूर्व यह आपूर्ति इलाहाबाद से कर दी गयी है। जिस दिन से यह व्यवस्था परिवर्तन हुआ है उसी दिन सें पूरी व्यवस्था चैपट हो गयी है। हालत यह है कि इस माह में अब तक 3672 सिलेंडर आकर बट जाना चाहिए था मात्र 588 सिंलेन्डर ही बाटे गये है। ऐसी स्थिति उपभोक्ता अपने सारे काम धाम छोड़कर पूरे दिन गैस लेने के लिए लाईन लगाये रहते है। यदि यही हाल रहा तो उपभोक्ताओं का गुस्सा फूट सकता हैै जिसका परिणाम कुछ भी हो सकता है। ऐजेन्सी मालिक का कहना है कि हम निचे लेकर ऊपर तक के अधिकारियों से बात किया लेकिन आज तक व्यवस्था में कोई सुधार नही आया है। हमारे यहां प्रतिदिन चार सौ से लेकर पांच सौ उपभोक्ता आते है सभी को किसी तरफ से समझा बुझाकर वापस किया जा रहा है।