मिर्जापुर में बड़ा हादसा नाव डूबी, 8 लोगों की मौत, 20 लापता
https://www.shirazehind.com/2014/08/8-20.html
चुनार के गनपुर घाट पर परिजनों कोहराम, रुदन-विलाप से गमगीन है इलाका
सुरेश गांधी
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में मंगलवार को यात्रियों से भरी नाव गंगा में डूब गयी। नाव में 40 लोग सवार थे। अब तक 8 लोगों की मौत की खबर बताई जा रही है, जबकि 20 लापता है। जबकि आठ लोगों को बचा लिया गया है। सभी मृतक पास-पड़ोस के गांवों केरहने वाले है। सूचना मिलने पर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए है। लापता लोगों की खोज के लिए गोताखोंरों को लगाया गया है। चुनार के गनपुर घाट का है। घाट पर परिजनों के कोहराम, रुदन-विलाप से माहौल गमगीन है। पुलिस के मुताबिक गंगा का जलस्तर इनदिनों बढ़ा हुआ है। मनाही व प्रतिबंध के बावजूद आज एक नाविक 40 से अधिक लोगों को नाव में बैठाकर पार करा रहा था। नाव में सवार सभी पास-पड़ोस के ग्रामीण इलाकों के थे। नाव जैसे ही बीच धारा में पहुंची, पानी भर जाने से नाव डगमगाने लगा। जबतक लोग कुछ सोच पाते नाव डूबने लगी। नाव डूबने के दौरान चिखते-चिल्लाते कुछ लोग तो गंगा में कूद गए तो कुछ लोग नाव में ही बैठे रह गए। अधिकांस लोगों को इसमें तैरने नहीं आता था। जिन्हें तैरने आता था वह तो बच गए, लेकिन बाकी के गंगा के तेज बहाव में बह गए। घटना के बाद पास-पड़ोस के काफी ग्रामीण पहुंच गए और शोरगुल मचाया, लेकिन वह सिवाय दर्शक बने रहने के कुछ नहीं कर सके। बाद में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गोताखोर बुलाया गया है, जो लापता हुए लोगों की खोजबीन जुटे है।
सुरेश गांधी
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में मंगलवार को यात्रियों से भरी नाव गंगा में डूब गयी। नाव में 40 लोग सवार थे। अब तक 8 लोगों की मौत की खबर बताई जा रही है, जबकि 20 लापता है। जबकि आठ लोगों को बचा लिया गया है। सभी मृतक पास-पड़ोस के गांवों केरहने वाले है। सूचना मिलने पर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए है। लापता लोगों की खोज के लिए गोताखोंरों को लगाया गया है। चुनार के गनपुर घाट का है। घाट पर परिजनों के कोहराम, रुदन-विलाप से माहौल गमगीन है। पुलिस के मुताबिक गंगा का जलस्तर इनदिनों बढ़ा हुआ है। मनाही व प्रतिबंध के बावजूद आज एक नाविक 40 से अधिक लोगों को नाव में बैठाकर पार करा रहा था। नाव में सवार सभी पास-पड़ोस के ग्रामीण इलाकों के थे। नाव जैसे ही बीच धारा में पहुंची, पानी भर जाने से नाव डगमगाने लगा। जबतक लोग कुछ सोच पाते नाव डूबने लगी। नाव डूबने के दौरान चिखते-चिल्लाते कुछ लोग तो गंगा में कूद गए तो कुछ लोग नाव में ही बैठे रह गए। अधिकांस लोगों को इसमें तैरने नहीं आता था। जिन्हें तैरने आता था वह तो बच गए, लेकिन बाकी के गंगा के तेज बहाव में बह गए। घटना के बाद पास-पड़ोस के काफी ग्रामीण पहुंच गए और शोरगुल मचाया, लेकिन वह सिवाय दर्शक बने रहने के कुछ नहीं कर सके। बाद में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गोताखोर बुलाया गया है, जो लापता हुए लोगों की खोजबीन जुटे है।