6 लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा
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गौराबादशाहपुर (जौनपुर): न्यायालय के आदेश पर गौराबादशाहपुर पुलिस ने 6
लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर शव को चोरी छिपे जला जाने के
आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।
गौराबादशाहपुर बाजार निवासी बलिराम गुप्त चार वर्ष पूर्व अपने दोनों बेटों में बंटवारा हो जाने के बाद अपने छोटे बेटे लालचंद्र गुप्त के साथ रहने लगे। पर उसकी गरीबी की हालत को देखते हुए अपने बड़े बेटे फूलचंद्र गुप्त के साथ रहना शुरू कर दिए। लगभग दो वर्ष पूर्व अपने बड़े बेटे फूलचंद्र गुप्त की सेवा से असंतुष्ट होकर अपने भतीजे शारदा प्रसाद गुप्त के साथ रहने चले गए। भतीजे ने बलराम गुप्त को खाने पीने के साथ-साथ दवा व इलाज भी करवाना शुरू कर दिया तथा सेवा करने का परिणाम रहा कि धीरे-धीरे बलिराम गुप्त की हालत में सुधार हो गया। 15 अप्रैल को सुबह जब बलिराम को उसका भतीजा चाय देने गया तो देखा कि वह बिस्तर पर मृत पड़े थे। इस पर शारदा प्रसाद ने बलिराम के पुत्र फूलचंद्र तथा लालचंद्र को सूचना देकर अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी तथा शव को अर्थी पर रखकर शव यात्रा शारदा प्रसाद गुप्त के घर से निकलकर कस्बे के सरहद पर पहुंची। अभी वहां पिंडदान की तैयारी चल ही रही थी कि अचानक बलिराम के बड़े पुत्र फूलचंद्र गुप्त ने शव को अंतिम संस्कार हेतु ले जाने के लिए यह कहते हुए रोक दिया कि उनके पिता को जहर देकर मारा गया है।
पुलिस की तरफ से कोई कार्यवाही न होने पर फूलचंद्र गुप्त ने न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया तथा अपने चचेरे भाई शारदा प्रसाद गुप्त, रामजी, पवन कुमार, संजय कुमार, राम सिंह निवासी गौरा तथा जय प्रकाश सिंह निवासी दरना थाना खुटहन पर आरोप लगाया कि इन लोगों ने मेरे पिता की जमीन अपने नाम बैनामा करवाने के बाद उनकी हत्या कर दी।
गौराबादशाहपुर बाजार निवासी बलिराम गुप्त चार वर्ष पूर्व अपने दोनों बेटों में बंटवारा हो जाने के बाद अपने छोटे बेटे लालचंद्र गुप्त के साथ रहने लगे। पर उसकी गरीबी की हालत को देखते हुए अपने बड़े बेटे फूलचंद्र गुप्त के साथ रहना शुरू कर दिए। लगभग दो वर्ष पूर्व अपने बड़े बेटे फूलचंद्र गुप्त की सेवा से असंतुष्ट होकर अपने भतीजे शारदा प्रसाद गुप्त के साथ रहने चले गए। भतीजे ने बलराम गुप्त को खाने पीने के साथ-साथ दवा व इलाज भी करवाना शुरू कर दिया तथा सेवा करने का परिणाम रहा कि धीरे-धीरे बलिराम गुप्त की हालत में सुधार हो गया। 15 अप्रैल को सुबह जब बलिराम को उसका भतीजा चाय देने गया तो देखा कि वह बिस्तर पर मृत पड़े थे। इस पर शारदा प्रसाद ने बलिराम के पुत्र फूलचंद्र तथा लालचंद्र को सूचना देकर अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी तथा शव को अर्थी पर रखकर शव यात्रा शारदा प्रसाद गुप्त के घर से निकलकर कस्बे के सरहद पर पहुंची। अभी वहां पिंडदान की तैयारी चल ही रही थी कि अचानक बलिराम के बड़े पुत्र फूलचंद्र गुप्त ने शव को अंतिम संस्कार हेतु ले जाने के लिए यह कहते हुए रोक दिया कि उनके पिता को जहर देकर मारा गया है।
पुलिस की तरफ से कोई कार्यवाही न होने पर फूलचंद्र गुप्त ने न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया तथा अपने चचेरे भाई शारदा प्रसाद गुप्त, रामजी, पवन कुमार, संजय कुमार, राम सिंह निवासी गौरा तथा जय प्रकाश सिंह निवासी दरना थाना खुटहन पर आरोप लगाया कि इन लोगों ने मेरे पिता की जमीन अपने नाम बैनामा करवाने के बाद उनकी हत्या कर दी।