जलजनित वीमारियों से मरते हैं 25000 लोगः वीरेंद्र
https://www.shirazehind.com/2014/08/25000.html
फल संरक्षण विभाग की ओर से आयोजित हुआ कार्यक्रम
भदोही। खाद्य एंव प्रस्करण उद्योग में गुणवत्ता के साथ साफ सफाई जरुरी होती है। इस सूत्र का महत्व जितना जीवन के क्षेत्र में हैं उतना ही व्यक्ति के विकास में भी सहायक है। हमें साफ-सफाई पर खास खयाल रखना चाहिए। यह बात जिले के अभिया में आयोजित फल संरक्षण विभाग के प्रभारी वीरेंद्र प्रसाद ने किसानों के बीच कहीं। इस दौरान काफी संख्या में किसान मौजूद थे। जिन्हें विभाग की ओर से जैम, जेली, अचार, मुरब्बा और उसके संरक्षण की जानकारी उपलब्ध करायी गयी। विभागीय विशेषज्ञों ने इस दौरान अपने विचार रखे।
इस मौके पर फलों के संरक्षण पर गुणवत्ता और सफाई पर अपने विचार रखते हुए वीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि फूट सेफटी के लिए हमें हाइजीन एवं सैनीटेशन का खयाल रखना होगा। हाइजीन शब्द यूरोप से लिया गया है। वहां इसका मतलब सेहत की देवी से है। उन्होंने विस्तार से इस पर अपने विचार रखे। बताया कि जलजनित बीमारी से दुनिया के पांच करोड़ लोग पीडि़त हैं। हर साल विश्व में 25 हजार लोग इस वीमारी से मरते हैं। भारत में यह संख्या 25 हजार है। पांच में से चार बच्चों की मौत जलजनित बिमारियों से होती है। एक अनुमान के अनुसार शहरों में 80 फीसदी आबादी दूषित जल का सेवन करती है। इसलिए दैनिक जीवन के साथ फूड सेफटी में भी पानी की शुद्धता का खयाल रखना जरुरी है। कैटरिंग उद्योग में भी सफाई व दूसरी बातों पर प्रकाश डाला। इसके साथ उपनिदेशक कृषि दुर्गा प्रसाद पाल ने सफाई से संबंधित जानकारी लोगों को उपलब्ध करायी। वहीं सत्यानंद वर्मा ने विभाग की ओर से उपलब्ध करायी गयी सलाह को अपनाने की बात पर बल दिया। फल संरक्षण विशेषज्ञ गायत्री सिंह ने अचार, मुरब्बा और दूसरी वस्तुओं के बनाने के लिए तकनीकी जानकारी उपलब्ध करायी। वहीं डा. मनोज दूबे ने सफाई पर वैज्ञानिक रुप से अपनी बात रखी। कार्यक्रम प्रगतिशील किसान अनिल सिंह के यहां आयोजित किया गया। प्रमुख रुप से रमेश शुक्ल, संतोष मिश्र, खूंटी पाल, रामधनी दूबे, सुनील सिंह, शेषन सिंह के अलावा काफी संख्या में लोग मौजूद थे।
भदोही। खाद्य एंव प्रस्करण उद्योग में गुणवत्ता के साथ साफ सफाई जरुरी होती है। इस सूत्र का महत्व जितना जीवन के क्षेत्र में हैं उतना ही व्यक्ति के विकास में भी सहायक है। हमें साफ-सफाई पर खास खयाल रखना चाहिए। यह बात जिले के अभिया में आयोजित फल संरक्षण विभाग के प्रभारी वीरेंद्र प्रसाद ने किसानों के बीच कहीं। इस दौरान काफी संख्या में किसान मौजूद थे। जिन्हें विभाग की ओर से जैम, जेली, अचार, मुरब्बा और उसके संरक्षण की जानकारी उपलब्ध करायी गयी। विभागीय विशेषज्ञों ने इस दौरान अपने विचार रखे।
इस मौके पर फलों के संरक्षण पर गुणवत्ता और सफाई पर अपने विचार रखते हुए वीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि फूट सेफटी के लिए हमें हाइजीन एवं सैनीटेशन का खयाल रखना होगा। हाइजीन शब्द यूरोप से लिया गया है। वहां इसका मतलब सेहत की देवी से है। उन्होंने विस्तार से इस पर अपने विचार रखे। बताया कि जलजनित बीमारी से दुनिया के पांच करोड़ लोग पीडि़त हैं। हर साल विश्व में 25 हजार लोग इस वीमारी से मरते हैं। भारत में यह संख्या 25 हजार है। पांच में से चार बच्चों की मौत जलजनित बिमारियों से होती है। एक अनुमान के अनुसार शहरों में 80 फीसदी आबादी दूषित जल का सेवन करती है। इसलिए दैनिक जीवन के साथ फूड सेफटी में भी पानी की शुद्धता का खयाल रखना जरुरी है। कैटरिंग उद्योग में भी सफाई व दूसरी बातों पर प्रकाश डाला। इसके साथ उपनिदेशक कृषि दुर्गा प्रसाद पाल ने सफाई से संबंधित जानकारी लोगों को उपलब्ध करायी। वहीं सत्यानंद वर्मा ने विभाग की ओर से उपलब्ध करायी गयी सलाह को अपनाने की बात पर बल दिया। फल संरक्षण विशेषज्ञ गायत्री सिंह ने अचार, मुरब्बा और दूसरी वस्तुओं के बनाने के लिए तकनीकी जानकारी उपलब्ध करायी। वहीं डा. मनोज दूबे ने सफाई पर वैज्ञानिक रुप से अपनी बात रखी। कार्यक्रम प्रगतिशील किसान अनिल सिंह के यहां आयोजित किया गया। प्रमुख रुप से रमेश शुक्ल, संतोष मिश्र, खूंटी पाल, रामधनी दूबे, सुनील सिंह, शेषन सिंह के अलावा काफी संख्या में लोग मौजूद थे।