25 शाल बाद इंदु से पुष्पा बनकर जिन्दा लौटी जौनपुर की एक महिला
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आज हम आप लोगो को वह स्टोरी बतानें जा रहे है वह जिसे आप ने किस्से कहानियां में
पढ़ा होगा या किसी सिनेमा देखा होगा। यह रियल स्टोरी हैं जौनपुर जिलें की
एक महिला की इस महिला कों आज से करीब 25 वर्ष पहलें जब उसकी आयु करीब 5 शाल
रही होगी उसे खेलते समय जहरीले सर्प ने काट लिया था। सर्पदंश से बचाने के
लिए मां बाप अस्पतालों में इलाज से लेकर झाड़ फूंक तक नही कराया लेकिन उसकी
जान नही बच पायी। उसकी लाश को सई नही के किनारें दफन कर दिया था। आज वह एक
बार फिर से जिन्दा होकर अपने मां बाप के सामने है। आज
जन्म देने वाले और पालन पोषण करनें दोनो मां बाप का प्यार मिल रहा है।
जौनपुर जिले के बक्शा थाना क्षेत्र के कौली गांव के निवासी जयप्रकाश गौतम की पुत्री इन्दू को 9 जून 1990 को शाम करीब तीन बजे घर के सामने खेलते समय जहरीले सर्प के काट लिया था। उसकी जान बचाने के लिए मां बाप समुदायिक स्वास्थ केन्द्र बक्शा ले गये वहां पर मौजूद डाक्टर ने उसे मृतक घाषित कर दिया उसके बाद परिवार वालें इन्दू को लेकर झाड़ फूंक करने वाले के पास लेकर उसने भी उसे मृतक घोषित कर दिया। परिवार वाले उसकी अंतिम संस्कार करते हुए सई नदी के किनारे दफन कर दिया। दफन होने के दूसरे दिन बाद नदी में बाढ़ आ गयी। बाढ़ के पानी में बहकर मृतक लड़की जिन्दा तो हुई साथ करीब 25 किलोमीटर दूर रामदयालगंज बाजार तक पहुंच गयी। वह नदी के किनारें पर रो रही थी। मासूम बालिका की रोने की आवाज सुनकर पास के गोवर्धन यादव पहुंचकर उसे अपने घर पर ले आया और उसका नाम पुष्पा रखकर पालन पोषण शुरू कर दिया । गोवर्धन को काई संतान नही थी इस लिए उसे अपने कलेजे की टुकड़े की तरह पालन पोषण करते हुए गोवर्धन नें उसकी शादी विवाह भी कर दिया। इस बीच वह बच्चों की मां भी बन गयी है। लेकिन करीब 25 शाल बाद जब उसने अपने किसी करीब रिश्तेदार से यह चर्चा किया कि मेरे असली मां बाप ने मुझे बाढ़ के पानी में फेक दिया था संयोग वह रिश्तेदार उसी गांव का ही निकला। उसने जाकर सारी दास्तां लड़की मां बाप से बताया तो मां बाप पुष्पा के घर पहुंचकर गोवर्धन से बातचीत किया तो उसने पुष्पा के मिलने की सारी स्टोरी सच सच बता दिया। पुष्पा के शरीर पर निशान के अधार पर मां ने उसे अपनी बेटी इन्दू के रूप में पहचान कर लिया। इस रहस्मय घटना की जानकारी जब आसपास के लोगों को हुई तो वहां पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी काफी देर चली पंचायत ने दोनों परिवारों के साथ रहने का फैसला किया। अब इन्दू यानी पुष्पा के दो दो मां बाप की लाडली बन गयी है। वह ससुराल से आने के बाद वह कुछ दिन जन्म देने वाले माता पिता के साथ रहती तो कुछ दिन पालन पोषण करने वालें मां बाप के साथ रहती है।
जौनपुर जिले के बक्शा थाना क्षेत्र के कौली गांव के निवासी जयप्रकाश गौतम की पुत्री इन्दू को 9 जून 1990 को शाम करीब तीन बजे घर के सामने खेलते समय जहरीले सर्प के काट लिया था। उसकी जान बचाने के लिए मां बाप समुदायिक स्वास्थ केन्द्र बक्शा ले गये वहां पर मौजूद डाक्टर ने उसे मृतक घाषित कर दिया उसके बाद परिवार वालें इन्दू को लेकर झाड़ फूंक करने वाले के पास लेकर उसने भी उसे मृतक घोषित कर दिया। परिवार वाले उसकी अंतिम संस्कार करते हुए सई नदी के किनारे दफन कर दिया। दफन होने के दूसरे दिन बाद नदी में बाढ़ आ गयी। बाढ़ के पानी में बहकर मृतक लड़की जिन्दा तो हुई साथ करीब 25 किलोमीटर दूर रामदयालगंज बाजार तक पहुंच गयी। वह नदी के किनारें पर रो रही थी। मासूम बालिका की रोने की आवाज सुनकर पास के गोवर्धन यादव पहुंचकर उसे अपने घर पर ले आया और उसका नाम पुष्पा रखकर पालन पोषण शुरू कर दिया । गोवर्धन को काई संतान नही थी इस लिए उसे अपने कलेजे की टुकड़े की तरह पालन पोषण करते हुए गोवर्धन नें उसकी शादी विवाह भी कर दिया। इस बीच वह बच्चों की मां भी बन गयी है। लेकिन करीब 25 शाल बाद जब उसने अपने किसी करीब रिश्तेदार से यह चर्चा किया कि मेरे असली मां बाप ने मुझे बाढ़ के पानी में फेक दिया था संयोग वह रिश्तेदार उसी गांव का ही निकला। उसने जाकर सारी दास्तां लड़की मां बाप से बताया तो मां बाप पुष्पा के घर पहुंचकर गोवर्धन से बातचीत किया तो उसने पुष्पा के मिलने की सारी स्टोरी सच सच बता दिया। पुष्पा के शरीर पर निशान के अधार पर मां ने उसे अपनी बेटी इन्दू के रूप में पहचान कर लिया। इस रहस्मय घटना की जानकारी जब आसपास के लोगों को हुई तो वहां पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी काफी देर चली पंचायत ने दोनों परिवारों के साथ रहने का फैसला किया। अब इन्दू यानी पुष्पा के दो दो मां बाप की लाडली बन गयी है। वह ससुराल से आने के बाद वह कुछ दिन जन्म देने वाले माता पिता के साथ रहती तो कुछ दिन पालन पोषण करने वालें मां बाप के साथ रहती है।