स्कूल में बिगड़ सकती है आपके लाड़ले की सेहत
https://www.shirazehind.com/2014/07/blog-post_879.html
अजय शुक्ल
जौनपुर । कई स्कूलों में बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था ठीक नहीं रहती है। दूषित पेयजल आपके बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता है।स्कूलों में पेयजल टंकियों की केवल कागजों पर ही सफाई होती हैं। इसलिए स्कूलों में पेयजल व्यवस्था की छानबीन जरूरी है।हालांकि बहुत सारे स्कूलों का दावा मिनरल वाटर या साफ पानी की व्यवस्था का है। जबकि हकीकत इससे ठीक उलट है।प्रदेश में लाखों स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। अधिकांश स्कूलों की पानी की टंकियों की सफाई नियमित रूप से नहीं की जा रही है।बच्चों की सेहत खराब होने के पीछे स्कूल की पानी की टंकी और गंदे टायलेट की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।अभिभावक बच्चों की बीमारी का कारण भी नहीं जान पापाते हैं। जिला प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
जौनपुर । कई स्कूलों में बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था ठीक नहीं रहती है। दूषित पेयजल आपके बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता है।स्कूलों में पेयजल टंकियों की केवल कागजों पर ही सफाई होती हैं। इसलिए स्कूलों में पेयजल व्यवस्था की छानबीन जरूरी है।हालांकि बहुत सारे स्कूलों का दावा मिनरल वाटर या साफ पानी की व्यवस्था का है। जबकि हकीकत इससे ठीक उलट है।प्रदेश में लाखों स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। अधिकांश स्कूलों की पानी की टंकियों की सफाई नियमित रूप से नहीं की जा रही है।बच्चों की सेहत खराब होने के पीछे स्कूल की पानी की टंकी और गंदे टायलेट की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।अभिभावक बच्चों की बीमारी का कारण भी नहीं जान पापाते हैं। जिला प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।