भारतीय भाषा के अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव का विरोध
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जौनपुर। संघ लोकसेवा आयोग के सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय भाषाओं के उम्मीदवारों के साथ हो रहे भेदभाव के विरोध में नौजवान छात्र कल्याण समिति के कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष अनुराग मिश्र के नेतृत्व में गुरूवार को प्रधानमंत्री को सम्बोधित अपनी मांगों का ज्ञापन उपजिलाधिकारी सदर ज्ञानेन्द्र सिंह को सौंपा। इस मौके पर श्री मिश्र ने कहा कि कोठारी आयोग की अनुशंसा के बाद 1979 में भारतीय भाषा के माध्यम से संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा होनी शुरू हुई थी सरकारी स्कूलों में पढ़े ग्रामीण परिवार के निम्न हैसियत वाले उम्मीदवार परीक्षा में सफल हो रहे थे लेकिन 2011 के अलध कमेटी की सिफारिश के तहत सिविल सेवा परीक्षा में व्यापक परिवर्तन और प्रारम्भिक परीक्षा में सी सैट शुरू करने के कारण हिन्दी भाषियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इसी क्रम में अन्य वक्ताओं ने कहा कि उक्त ज्ञापन में यूपीएसी की परीक्षा फिर से पुराने पैटर्न पर कराने, परीक्षा को एक माह के लिये स्थगित करने और सभी परीक्षाओं में हिन्दी के महत्व को बढ़ाने पर जोर दिया गया। इस अवसर पर समिति के बृजेश मौर्य, शिवशंकर मिश्र, संदीप मौर्य, विवेक मिश्र, तरून शर्मा, आशीष गुप्ता, बबलू यादव, हिमांशु सिंह यादव, विकास पैंथर, रमेश यादव, राहुल सिंह, जनार्दन मिश्र, संदीप शर्मा सहित अन्य सम्बन्धित लोग भी उपस्थित रहे।