अभ्यर्थियों ने लौटे हुए प्रत्यावेदनों को पुनः मंगाकर काउन्सलिंग में शामिल किये जाने की मांग

   जफराबाद। इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कहा जाय कि प्रदेश सरकार की मंशा कहा जाय कि अभ्यर्थियों का दुर्भाग्य कहा जाय! हुआ यॅू कि वर्ष 2011 में  72825 सहायक अध्यापक पद पर भर्ती हेतु जिन अभ्यर्थियों द्वारा अभी हाल में इण्टरनेट से अपना आवेदन पत्र विवरण निकालकर उसमें शिक्षा विभाग की लापरवाही से किये गये अशुद्धियों को दूर कर नौकरी के चाह में अपना प्रत्यावेदन डाक द्वारा संबंधित जनपदों के डायट प्राचार्यो को प्रेषित किया गया था, उनमें कुछ अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदन डाक द्वारा वापस आ रहे है जिससे नौकरी चाह रखने वाले बेरोजगार अभ्यर्थियों में खलबली मची हुई है, और उनमें डायट कर्मचारियों के प्रति रोष व्याप्त है।
उपरोक्त 72825 सहायक अध्यापक पद पर भर्ती हेतु प्रदेश सरकार द्वारा पहले परम्परागत तरीके से अर्थात आफ लाइन आवेदन, उसके बाद आॅन लाइन आवेदन, इसके बाद सप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनः इण्टरनेट पर दर्ज पर डेटा की प्रिन्ट उसके बाद गलत डेटा को शुद्ध भरकर एवं संबंधित डाकूमेन्ट संलग्न कर डाकखानों पर धक्का-मुक्की करने के बाद अभ्यर्थियों को यह सिला मिलेगा कि उनका प्रत्यावेदन कुछ दिनों बाद वापस लौट आयेगा, ऐसा लोगों ने सपने में भी नहीं सोचा था। जिन अभ्यर्थियों का प्रत्यावेदन वापस लौट कर आया रहा है ऐसे अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर मानसिक रूप से परेशान एवं चिन्तित हैं। अनिल कुमार सिंह, अरविन्द कुमार, प्रवीण कुमार, बृजनन्दन स्वरूप व अन्य अभ्यर्थियों ने निदेशक, बेसिक शिक्षा उ0प्र0 से डायटों से लौटाये गये प्रत्यावेदनों को पुनः मंगाकर भविष्य में होने वाली काउन्सलिंग में शामिल किये जाने की मांग की है।

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