समाज की नंगी सच्चाई को एक चिकित्सक ही भली-भांति समझ सकता हैः डा. वीपी सिंह
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जौनपुर। देष में आज आये दिन औरतों पर होने वाले अत्याचार पर आधारित हिन्दी फीचर फिल्म ‘गार्जियन्स’ आगामी 20 जून से पूरे भारत में एक साथ रिलीज हो रही है। यह फिल्म नारियों पर होने वाले अत्याचार पर आधारित है। जनपद के ही विभिन्न जगहों पर लगभग ढाई महीने में शूट करके बनायी गयी इस फिल्म में जहां औरतों पर होने वाले अत्याचार को दर्षाया गया है, वहीं फिल्म के मुख्य कलाकार द्वारा एक्षन एवं डायलाॅग भी सराहनीय हैं। उक्त बातें हिन्दी फीचर फिल्म ‘गार्जियन्स’ के निर्माता/अभिनेता डा. वीपी सिंह ने बीती रात खरका स्थित अपने आवास पर पत्र-प्रतिनिधियों से हुई वार्ता के दौरान कही। उन्होंने बताया कि फिल्म में कई ऐसे दृष्य ऐसे फिल्माये गये हैं जो फिल्मी दुनिया के इतिहास में पहली बार हुआ है। हाॅस्य दृष्य को नजरअंदाज करते हुये समाज की सच्ची एवं कड़वी बातों को ज्यादा परोसा गया है। आइटम सांग सहित कुल आधा दर्जन गीतों के साथ बनी इस फिल्म में आकर्षक व हैरतअंगेज दृष्य लिये गये हैं। इसके साथ ही नामचीन खलनायकों की खलनायिकी भी कम नहीं है। सदियों से औरतें घर की दहलीज तक सीमित रहीं। चहारदीवारी के भीतर उनके ऊपर जो जुल्म हुये, उसे सभी ने एक-एक करके देखा और सुना होगा लेकिन चहारदीवारी से बाहर निकलकर जब उन्होंने चैलेंज देना प्रारम्भ किया तो समाज शक्ति प्रदर्षन पर उतरकर अत्याचार करने लगा। ऐसे अत्याचार का हमने विरोध किया और यही हमारा विषय (मिषन) है। अभिनेता श्री सिंह ने कहा कि मैं एक चिकित्सक हूं। मानवीय संवेदनाओं के साथ जीता हूं और अपने सामाजिक दायित्व से विमुख भी नहीं होना चाहता हूं। समाज में होने वाले बदलाव मुझे उद्वेलित करते हैं। कुछ मरीजों को पैसे लेकर या बिना पैसे लिये उपचार करने मात्र से मेरे सामाजिक सरोकार समाप्त नहीं होना चाहिये, ऐसी मेरी सोच है। समाज की नंगी सच्चाई को सर्वप्रथम एक चिकित्सक ही भली-भांति महसूस कर सकता है। बस मेरे साथ इतना फर्क है कि उसे मैंने चित्रित करने के बारे में सोचा और उसके लिये थोड़ा प्रयास किया। अन्त में कहा कि लगभग 5 करोड़ रूपये की लागत से बनी जनपद में पहली हिन्दी फिल्म ‘गार्जियन्स’ को लोग जरूर सराहेंगे, यह मुझे विश्वास है।