कलश विश्व-ब्रह्माण्ड का प्रतीक माना जाता हैः पदमाकर जी
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जौनपुर। कलश विश्व-ब्रह्माण्ड का प्रतीक माना जाता है तथा जिस प्रकार समस्त विरोधी शक्तियां ब्रह्माण्ड में समन्वयपूर्वक रहती हैं ठीक उसी प्रकार हमें भी परस्पर मतभेदों को भुलाकर एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए तभी वास्तविक अर्थों में समाज, राष्ट्र व मानवता का विकास संभव है। उपरोक्त बातें गायत्री प्रज्ञा मण्डल कलश यात्रा के दौरान स्थानीय गोमती तट पर हनुमान घाट पर श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए देशबन्धु पदमाकर मिश्र जी ने कहा। स्थानीय सिविल लाइन्स स्थित गायत्री प्रज्ञा मण्डल-महिला मण्डल द्वारा जज कालोनी से त्रिदिवसीय नवकुण्डी गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव का शुभारम्भ पावन जल कलश शोभा यात्रा से हुआ जिसमें श्रद्धालु महिलाओं ने भारी संख्या में भागीदारी निभायी। यात्रा शुरू होने से पूर्व शांतिकुंज हरिद्वार से आये संत सूरजदीप चैहान व रामराज जी ने विधिवत कलश पूजन कार्यक्रम सम्पन्न कराया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद डा. केपी सिंह ने पांच कुंवारी कन्याओं को कलश समर्पित कर यात्रा की शुरूआत करायी। पीत वस्त्र धारण किये कलश यात्रा में शामिल महिलायें कचहरी, ओलन्दगंज, शाही पुल होते हुए हनुमान घाट पर पहुंची। कलश यात्रा का नगर में जगह स्वागत हुआ। हनुमान घाट पर दिनेश सेठ व उनकी पत्नी श्रीमती श्रद्धा सेठ ने श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण किया। इस यात्रा में मुख्य रूप से किरन सिंह, खुशबू सिंह, कमरून्निशा का सराहनीय योगदान रहा तथा यात्रा के सुचारू संचालन में प्रदीप सिंह, मैनबहादुर सिंह, देवेन्द्र राय, विरेन्द्र बहादुर सिंह, सरोजलता विश्वकर्मा, मुन्नी साहू का योगदान रहा।