नकली गहना ले जाना पड़ा महगा , बिन दुल्हन लौटी बारात , दूल्हा का परिवार पूरी रात रहा बंधक
https://www.shirazehind.com/2014/06/blog-post_3330.html
जौनपुर । जलालपुर थाना क्षेत्र पुरेव गांव में कंचगांव से आई बारात दूल्हे की पिता के फरेब के चलते बिना दुल्हन ही वापस लौट गई । इस मुख्य कारण बताया जा रहा कि वर पक्ष ने दुल्हन के जो जेवरात लाये थे वे नकली था। इस जालसाजी का खुलासा होते ही धरातियों में आक्रोश व्याप्त हो गया। वैवाहिक कार्यक्रम छोड़कर बारातियों को छोड़कर दुल्हा उसके पिता और बहन को बंधक बना लिया। सूबह प्रधान की अगुवाई में पंचायत होने के बाद तीनों को मुक्त हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार पुरेव गांव के निवासी अरविन्द राजभर की लड़की शादी जफराबाद थाना क्षेत्र के कचगांव के निवासी छेदीलाल के पुत्र अरविन्द राजभर से तय हुआ था। इस शादी के लिए एक बाईक घड़ी अगूठी समेत नगदी लड़की पक्ष को देना था और दुल्हन के जेवरात लड़के पक्ष को देना था। तय समय पर कल बारात आई द्वार पूंजा हुआ बराती घराती खाने पीने लगें। जब शादी की रस्म आदायगी शुरू हुआ तों लड़के पक्ष द्वारा जेवरात जब दुल्हन को पहनने के लिए दिया गया तो शक होने पर उसे सुनार से जांच कराया गया तों वह नकली निकला। बस इसी बात को लेकर दोनो पक्षों तनातनी हो गयी। फिलहाल गांव वालों नें बरातियों को खाना खिलाकर छोड़ दिया दुल्हा और पिता और बहन को रोक लिया। सूबह ग्राम प्रधान सलीम की मध्यस्यता में पंचायत हुई । पंचायत में दुल्हे वालों को आठ हजार रूपये नगद लड़की पक्ष को देने का फैसला हुआ। पैसा न रहने पर दुल्हे की बहन ने अपना बिदिया बेचकर भाई पिता को छुड़ाया।
मिली जानकारी के अनुसार पुरेव गांव के निवासी अरविन्द राजभर की लड़की शादी जफराबाद थाना क्षेत्र के कचगांव के निवासी छेदीलाल के पुत्र अरविन्द राजभर से तय हुआ था। इस शादी के लिए एक बाईक घड़ी अगूठी समेत नगदी लड़की पक्ष को देना था और दुल्हन के जेवरात लड़के पक्ष को देना था। तय समय पर कल बारात आई द्वार पूंजा हुआ बराती घराती खाने पीने लगें। जब शादी की रस्म आदायगी शुरू हुआ तों लड़के पक्ष द्वारा जेवरात जब दुल्हन को पहनने के लिए दिया गया तो शक होने पर उसे सुनार से जांच कराया गया तों वह नकली निकला। बस इसी बात को लेकर दोनो पक्षों तनातनी हो गयी। फिलहाल गांव वालों नें बरातियों को खाना खिलाकर छोड़ दिया दुल्हा और पिता और बहन को रोक लिया। सूबह ग्राम प्रधान सलीम की मध्यस्यता में पंचायत हुई । पंचायत में दुल्हे वालों को आठ हजार रूपये नगद लड़की पक्ष को देने का फैसला हुआ। पैसा न रहने पर दुल्हे की बहन ने अपना बिदिया बेचकर भाई पिता को छुड़ाया।