राज्यपाल बीएल जोशी ने दिया इस्तीफा
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लखनऊ. मंगलवार को यूपी के राज्यपाल बीएल जोशी ने गृह मंत्रालय को अपना इस्तीफा भेज दिया है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है। बीजेपी की सरकार बनने के बाद यूपी के गवर्नर बीएल जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही प्रदेश की राजनीति में अटकलों का दौर शुरू हो गया था। तभी कयास लगाए जाने लगे थे कि केंद्र सरकार जोशी को वापस बुलाकर अपने पसंद का गवर्नर यूपी भेज सकती है। इसी बहाने उन दिग्गज नेताओं को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है, जिन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई है।
बीएल जोशी ने 6 मार्च 2014 को यूपी के लगातार दूसरी बार राज्यपाल की शपथ ली थी। वह सूबे के पहले ऐसे राज्यपाल हैं, जिन्होंने पद पर रहते हुए दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। वह 28 जुलाई 2009 को प्रदेश के राज्यपाल बने थे। वह 2004 से 2007 तक दिल्ली के उपराज्यपाल रहे। इसके बाद उन्हें मेघालय का राज्यपाल बनाया गया, लेकिन अक्टूबर में ही उन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल नामकर भेज दिया गया। यहां वह जुलाई 2009 तक इस पद पर रहे।
बीएल जोशी का जन्म 27 मार्च, 1936 को राजस्थान के नागौर जिले के छोटी काठु जिले में हुआ था। 1957 में उन्होंने राजस्थान पुलिस सेवा में अपना करियर शुरू किया और वर्ष 1962 में भारत सरकार की सेवा में बतौर आईपीएस आ गए। बीएल जोशी ने विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं में रहे। इंदिरा गांधी और लालबाहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री रहते केंद्रीय गृह मंत्रालय में भी काम किया।
उन्होंने वाशिंगटन, इस्लमाबाद और लंदन में भारतीय दूतावास में भी कार्य किया। 1991 में आईपीएस सर्विस से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। इसके बाद वह यूएस चले गए। यहां उन्होंने दो बड़ी सॉफ्टवेर कंपनियों में बतौर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर काम किया।
बीएल जोशी कैलिफोर्निया के एक एनजीओ के भी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे। वहां से सात साल बाद 2000 में भारत लौटने के बाद उन्हें राजस्थान स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन का चेयरमैन बनाया गया। इस पद पर भी जोशी चार सालों तक बने रहे। इसके बाद उन्हें 2004 में दिल्ली का उप-राज्यपाल बनाया गया।