संसदीय प्रणाली पर आधारित है भारतीय लोकतंत्र

जौनपुर : भारत का लोकतंत्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है। भारत के लोकतंत्र का विश्व में कोई सानी नहीं है। अच्छे लोकतंत्र के इच्छुक लोग बाहर देश से यहां की व्यवस्था का अध्ययन करने आते हैं। यह बातें उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व मुख्य संपादक डा.अरुणेन्द्र चंद्र त्रिपाठी ने वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में सोमवार को आयोजित व्याख्यानमाला में कही। उन्होंने कहा कि यहां के लोकतांत्रिक ढांचे के निर्माण में जनता की सीधी भूमिका होती है। किसी भी देश में जनमत निर्माण के लिए मीडिया पूर्ण रूप से जिम्मेदार नहीं हो सकता है। आजादी की लड़ाई के दौरान मीडिया का प्रचार प्रसार उतना नहीं था। इसके बावजूद गांधी के आहवान पर लोग पैदल यात्रा व प्रार्थना सभा में हजारों की संख्या में हिस्सा लेते थे। उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता इलेक्ट्रानिक मीडिया की अपेक्षा अधिक है। इलेक्ट्रानिक मीडिया का गांवों से सरोकार काफी कम है। जागरूक मतदाता को प्रमुख पार्टी के घोषणापत्रों का अध्ययन करने के बाद अपने मत का प्रयोग करना चाहिए। तभी सही जनमत का निर्माण हो सकेगा। विभागाध्यक्ष डा.अजय प्रताप सिंह ने भी छात्रों को व्याख्यानमाला के बारे में जानकारी दी। स्वागत डा.मनोज मिश्र, संचालन डा.अवध बिहारी सिंह व आभार डा.सुनील कुमार ने व्यक्त किया। इस मौके पर डा.दिग्विजय सिंह राठौर, डा.रुश्दा आजमी आदि मौजूद थे।

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