समाचारों के साथ समझौता नहीं होना चाहियेः डीपी शुक्ल
https://www.shirazehind.com/2014/05/blog-post_349.html
जौनपुर। पत्रकारिता को लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ कहा गया है। इसे कोई संवैधानिक मान्यता भले ही न प्राप्त हो लेकिन नैतिक मान्यता अवश्य ही प्राप्त है जिसका पालन पत्रकार करता चला आ रहा है। खबरों के साथ समझौता नहीं होना चाहिये लेकिन पत्रकार समाज के सजग सच्चे मार्गदर्शक होते हैं। उक्त बातें गोमती जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा शुक्रवार को ‘हिन्दी पत्रकारिता दिवस’ पर नगर के सिविल लाइंस (अम्बेडकर तिराहे) के पास स्थित शकुंतला सेण्ट्रल एकेडमी के सभागार में आयोजित ‘विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह’ को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि डीपी शुक्ल विशेष संवाददाता श्री टाइम्स उत्तर प्रदेश ने कही।
इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि कुमार सौवीर वरिष्ठ पत्रकार लखनऊ ने कहा कि पत्रकारिता जहां संकल्प है, वहीं यह एक साध्य भी है। कभी भी अपने अभीष्ट से पत्रकार को विचलित नहीं होना चाहिये, परिस्थितियां चाहे कितनी विषम क्यों न हों। परिस्थितियों में धैर्य रखकर समाज को रोशनी देना पत्रकारों की जिम्मेदारी है।
इसके पहले कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। तत्पश्चात् मंचासीन अतिथियों को आयोजन समिति द्वारा माल्यार्पण करके स्वागत किया गया। इसके बाद जहां महासचिव संजय अस्थाना ने स्वागत भाषण किया, वहीं अध्यक्ष डा. राम सिंगार शुक्ल ‘गदेला’ ने एसोसिएशन का परिचय दिया। इसी क्रम में पत्रकारिता जगत में अमूल्य योगदान देने के लिये शाहगंज तहसील के वरिष्ठ पत्रकार हनुमान प्रसाद गुप्त को अंगवस्त्रम् एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में शिक्षाविद् डा. ब्रजेश यदुवंशी, बृजनन्दन स्वरूप, सम्पादक दीपक सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि समाज को हमसे अपेक्षा बहुत हैं लेकिन मेरे पास कोई विधिक अधिकार नहीं है, फिर भी हम अपने दायित्वों के प्रति सदैव से सचेष्ट रहे हैं और समाज के हर सुख-दुख के सहभागी बने हैं। इसी क्रम में आयोजन समिति द्वारा मुख्य अतिथि श्री शुक्ल व विशिष्ट अतिथि श्री सौवीर को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
संस्थापक रामजी जायसवाल ने मंचासीन अतिथियों सहित समस्त आगंतुकों के प्रति आभार जताया तो कार्यक्रम संयोजक विरेन्द्र गुप्त ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर जय आनन्द, सूरज साहू, नौशाद अली, अजय पाण्डेय, राजेश साहू, महर्षि सेठ, कुमार कमलेश, प्रकाश चन्द्र शुक्ल, अजीत सोनी, बृजनन्दन स्वरूप, कृपाशंकर यादव, संजय शुक्ल, सम्पादक मंगला प्रसाद तिवारी, संजय शर्मा, राजेश मौर्य, विद्याधर राय विद्यार्थी, मुन्नू मौर्या, दीपक चिटकारिया, श्याम रतन श्रीवास्तव, प्रमोद जायसवाल, दीपक गुप्ता, मुकेश यादव, हाकर एसोसिएशन के अध्यक्ष राम प्यारे प्रजापति, शशिराज सिन्हा, शैलेन्द्र यादव, पंकज वर्मा, जुबेर अहमद, प्रवीण यादव, अंकित जायसवाल, शुभांशू जायसवाल, मिश्री लाल सोनकर, नरायन सेठ राही, रामदास यादव, अर्जुन शर्मा, डा. यशवंत गुप्ता, अरूण सिंह, प्रकाश चन्द्र शुक्ल सहित तमाम सम्पादक, पत्रकार, छायाकार, गणमान्य नागरिक, समाजसेवी आदि उपस्थित रहे।
श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने मनाया पत्रकारिता दिवस
जौनपुर। हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की जनपद इकाई द्वारा आईएमए भवन में गोष्ठी का आयोजन हुआ जहां पार्लियामेंट हिस्ट्री समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ श्याम नारायण पाण्डेय ने कहा कि पत्रकारिता दिवस पत्रकारों का महत्वपूर्ण पर्व है जिसे देश में 30 मई 1826 को कोलकाता से प्रकाशित हिन्दी के प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड की याद में मनाया जाता है। आज भी पं. जुगुल किशोर जी की लेखनी पत्रकारों को प्रेरणा प्रदान करती है। इसी क्रम में नवभारत टाइम्स के विजय प्रकाश मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता बहुत ही पुनीत व जिम्मेदारी का कार्य है। इससे जुड़े लोगों को पत्रकारिता धर्म का निर्वहन बहुत जिम्मेदारी से करना चाहिये। पत्रकार जय आनन्द ने आजादी की लड़ाई में अपने को कुर्बान कर देने वाले पत्रकारों का वर्णन करते हुये कहा कि हमें आज भी वरिष्ठ पत्रकारों की कुर्बानियां याद करनी चाहिये। इसके अलावा डा. दिनेश तिवारी, डा. यशवंत गुप्ता, विरेन्द्र मिश्र विराट, प्रेम प्रकाश मिश्र सहित अन्य वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया। अन्त में समारोह की अध्यक्षता करते हुये यूनियन के अध्यक्ष अनिल पाण्डेय ने कहा कि पत्रकार अपनी लेखनी से विशिष्ट होता है। उसकी विशिष्टता ही समाज को लोकहित की तरफ बढ़ने के लिये प्रेरित करती है। इस अवसर पर कैलाशनाथ मिश्र, अरविन्द उपाध्याय, संतोष श्रीवास्तव, जय प्रकाश मिश्र, अरूण यादव, मो. अब्बास, अजीत सिंह, प्रताप सिंह, संतोष सोंथालिया, अजीत सोनी, अनुज विक्रम सिंह, डा. आलोक, विश्व प्रकाश श्रीवास्तव, रविन्द्र श्रीवास्तव, विनय शुक्ला, दीनानाथ सेठ, दीपक गुप्ता, चन्द्र मोहन आदि लोग उपस्थित रहे।
पूविवि के जनसंचार विभाग में मना हिन्दी पत्रकारिता दिवस
जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर ‘हिंदी पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां’ विषयक गोष्ठी का आयोजन हुआ जहां हिंदी पत्रकारिता के समक्ष सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक क्षेत्रों से उपजने वाली चुनौतियों पर चर्चा हुई। इस मौके पर विभाग के शिक्षक डा. अवध बिहारी सिंह ने कहा कि उदन्त मार्तण्ड से शुरू हुई हिन्दी पत्रकारिता बहुत ही विशाल रूप ले चुकी है। प्राध्यापक डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता आज वेब के माध्यम से सरहद पार तक पहुंच गयी है। आजादी से पहले पत्रकारिता का स्वरूप व साधन सीमित थे लेकिन आज पत्रकारिता के साधन और स्वरूप असीमित हैं। प्राध्यापक डा. रुश्दा आजमी ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता ने समाज के मुद्दों को उठाने में बड़ी भूमिका निभायी है। बदलते समय ने पत्रकरिता को एक व्यवसाय बना दिया है, फिर भी लोकहित उसके लिये सदैव सर्वोपरि रहा है। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक कटिहार ने किया। इस अवसर पर कई छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने मनाया पत्रकारिता दिवस
जौनपुर। हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की जनपद इकाई द्वारा आईएमए भवन में गोष्ठी का आयोजन हुआ जहां पार्लियामेंट हिस्ट्री समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ श्याम नारायण पाण्डेय ने कहा कि पत्रकारिता दिवस पत्रकारों का महत्वपूर्ण पर्व है जिसे देश में 30 मई 1826 को कोलकाता से प्रकाशित हिन्दी के प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड की याद में मनाया जाता है। आज भी पं. जुगुल किशोर जी की लेखनी पत्रकारों को प्रेरणा प्रदान करती है। इसी क्रम में नवभारत टाइम्स के विजय प्रकाश मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता बहुत ही पुनीत व जिम्मेदारी का कार्य है। इससे जुड़े लोगों को पत्रकारिता धर्म का निर्वहन बहुत जिम्मेदारी से करना चाहिये। पत्रकार जय आनन्द ने आजादी की लड़ाई में अपने को कुर्बान कर देने वाले पत्रकारों का वर्णन करते हुये कहा कि हमें आज भी वरिष्ठ पत्रकारों की कुर्बानियां याद करनी चाहिये। इसके अलावा डा. दिनेश तिवारी, डा. यशवंत गुप्ता, विरेन्द्र मिश्र विराट, प्रेम प्रकाश मिश्र सहित अन्य वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया। अन्त में समारोह की अध्यक्षता करते हुये यूनियन के अध्यक्ष अनिल पाण्डेय ने कहा कि पत्रकार अपनी लेखनी से विशिष्ट होता है। उसकी विशिष्टता ही समाज को लोकहित की तरफ बढ़ने के लिये प्रेरित करती है। इस अवसर पर कैलाशनाथ मिश्र, अरविन्द उपाध्याय, संतोष श्रीवास्तव, जय प्रकाश मिश्र, अरूण यादव, मो. अब्बास, अजीत सिंह, प्रताप सिंह, संतोष सोंथालिया, अजीत सोनी, अनुज विक्रम सिंह, डा. आलोक, विश्व प्रकाश श्रीवास्तव, रविन्द्र श्रीवास्तव, विनय शुक्ला, दीनानाथ सेठ, दीपक गुप्ता, चन्द्र मोहन आदि लोग उपस्थित रहे।
पूविवि के जनसंचार विभाग में मना हिन्दी पत्रकारिता दिवस
जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर ‘हिंदी पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां’ विषयक गोष्ठी का आयोजन हुआ जहां हिंदी पत्रकारिता के समक्ष सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक क्षेत्रों से उपजने वाली चुनौतियों पर चर्चा हुई। इस मौके पर विभाग के शिक्षक डा. अवध बिहारी सिंह ने कहा कि उदन्त मार्तण्ड से शुरू हुई हिन्दी पत्रकारिता बहुत ही विशाल रूप ले चुकी है। प्राध्यापक डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता आज वेब के माध्यम से सरहद पार तक पहुंच गयी है। आजादी से पहले पत्रकारिता का स्वरूप व साधन सीमित थे लेकिन आज पत्रकारिता के साधन और स्वरूप असीमित हैं। प्राध्यापक डा. रुश्दा आजमी ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता ने समाज के मुद्दों को उठाने में बड़ी भूमिका निभायी है। बदलते समय ने पत्रकरिता को एक व्यवसाय बना दिया है, फिर भी लोकहित उसके लिये सदैव सर्वोपरि रहा है। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक कटिहार ने किया। इस अवसर पर कई छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।