महाराणा प्रताप की जयंती पर गोष्ठी आयोजित

जौनपुर। देश के अमर स्वतंत्रता सेनानियों में परमवीर महाराणा प्रताप अग्रिम पंक्ति में आते हैं। 1540 में जन्मे इस वीर शिरोमणि ने अन्त तक अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की। वन, मरूस्थल, जंगलों में भटके। घास की रोटियों पर गुजर किया और विश्व प्रसिद्ध हल्दी घाटी का युद्ध लड़कर चेतक के साथ अमर हो गये। उक्त बातें अतुलित महावीर अद्वितीय देशभक्त महाराणा प्रताप की जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी में पीठासीन अधिकारी डा. दिलीप सिंह ने कही। इसी क्रम में अधिवक्ता राम नरायन सिंह, श्रीनारायण सिंह, बैंक मैनेजर जनार्दन सिंह, पीओ राममिलन सिंह, शिक्षक प्रशांत, दिनेश, दीप नारायण, समाजसेवी वकार हुसैन, ज्ञान कुमार सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि राणा की वीरता, त्याग, अतुलित शौर्य पर अकबर भी फिदा था। इस अवसर पर शिप्रा सिंह, नेहा विश्वकर्मा, अलका सिंह, ममता पाल, समाजसेविका पद्मा सिंह, गौरव, शिवम्, सुरेन्द्र प्रजापति, डा. राहुल सिंह, ज्योत्सना, वीना श्रीवास्तव, प्रेम प्रकाश सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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