सत्कर्म से ही होती है परमात्मा की प्राप्तिः स्वामी बालक दास
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जौनपुर। इस जग में प्रेम बहुत बड़ी चीज है। ईश्वर के बाद यदि कोई महान वस्त है तो वह प्रेम है। अर्थात् ईश्वर व प्रेम एक-दूसर के पूरक होते हैं। निर्मल मन वाला जिसकी सारी इन्द्रियां सुभार्गी होगी, वही ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। उक्त विचार खुटहन क्षेत्र के पिलकिछा (खोभरिया) गांव निवासी समाजसेवी प्रेम लाल यादव के आवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा के अंतिम दिन बीती रात को महामण्डलेश्वर श्री श्री 108 स्वामी श्री राम बालक दास त्यागी जी महाराज ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सत्कर्म से ही परमात्मा को पाया जा सकता है। इसी क्रम में कथा वाचक आचार्य लालमणि दास जी महाराज ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिये प्रभु पृथ्वी पर अवतार लेकर दुष्टों का संहार करके धर्म की स्थापना करते हैं। उन्होंने कहा कि शुकदेव जी महाराज राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा सुनाकर उन्हें अकाल मृत्यु से मुक्ति प्रदान की थी। तभी से इस कथा का निरन्तर रसपान पृथ्वी पर हो रहा है जो सब प्रकार से कल्याणकारी है। इस अवसर पर गुजराती देवी, सीमा यादव, जड़ावती देवी, पुष्पा देवी, राजपति यादव, महावीर यादव, संत लाल यादव, सूर्यभान यादव, राकेश मिश्र, श्रीकृष्ण पाण्डेय, अतुल उपाध्याय, मुनिराज शर्मा, सुक्खू यादव, मातवर यादव, विद्या प्रसाद शर्मा, सूबेदार उपाध्याय सहित सैकड़ों श्रोतागण व आयोजक लोग उपस्थित रहे।