दवाओं का छिड़काव कर किया जाय भण्डारणः रमेश चन्द्र यादव
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जौनपुर। गेहूं सहित अन्य फसलों की मड़ाई करने के बाद किसान उसका भण्डारण तो करते हैं लेकिन कुछ बातों को ध्यान नहीं देते जिसके चलते उन्हें ही भारी नुकसान होता है। ऐसे में किसानों को सलाह देते हुये कृषि विशेषज्ञ रमेश चन्द्र यादव का कहना है कि मड़ाई के समय यह सावधानी रखनी चाहिये कि एक प्रजाति का बीज दूसरी प्रजाति से न मिलने पाये, अन्यथा अगली फसल मिश्रित हो जायेगी जिससे उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा। बीज को पुराने बोरों में भरने से पहले बोरों को पलटकर झाड़ लें एवं मैलाथियान या लिंडेन बोरों से छिड़ककर बीज को भली-भांति सुखाकर ही उसमें भरें तथा इसके बाद ही भण्डारण करें। श्री यादव का कहना है कि भण्डारण से पूर्व गोदाम की फर्श, दीवार व छत पर लिंडेन 1 प्रतिशत या मैथालियान 3 प्रतिशत का घोल बनाकर छिड़काव करें। धूमीकरण के लिये सल्फास की 1 या 2 टिकिया प्रति टन बीज की दर से किसी प्याली में रखकर बोरों में नीचे से ऊपर तक इस प्रकार रखें कि गैस का फैलाव सभी जगह पर समान रूप से हो। भण्डारण करने वाले गोदाम के दरवाजों व खिड़कियों के दराजों पर गीली मिट्टी का लेप करें जिससे गैस का सिसाव बाहर न होने पाये। कृषि विशेषज्ञ ने कहा कि गोदाम की फर्श, दीवार, छत पर दवाओं का छिड़काव करें एवं दीवार से 2 फीट दूर बोरों का चट्टा लगाये। दो चट्टों के बीच 3 फीट की दूरी रखे एवं सल्फास टिकिया ऐसे रखें कि गैसें फैलें। दरवाजोंव खिड़कियों की दराजों पर गीली मिट्टी का लेप करें एवं अचानक गोदाम का दरवाजा खोलकर उसमें प्रवेश न करें। गोदाम में कीड़े दिखायी दें तो पुनः धूमीकरण करें, ताकि बीज बचाया जा सके।