कलशयात्रा से शुरू हुई कथा, उमड़ी भक्तों की भारी भीड़
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जौनपुर। कलश शोभायात्रा में शामिल होकर परिक्रमा करने से अनेक जन्मों से पुण्य की प्राप्ति होती है तथा स्वर्ग की परिक्रमा करने का फल भी मिल जाता है। उक्त विचार खुटहन क्षेत्र के पिलकिछा (खोभरिया) गांव निवासी समाजसेवी प्रेम लाल यादव के आवास पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं के बीच महामण्डलेश्वर श्री श्री 108 श्री स्वामी राम बालक दास जी महाराज ने कथा के पहले दिन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कलयुग आगमन के 30 वर्ष पर श्री सुकदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाकर मोक्ष प्रदान किया था, क्योंकि उन्हें तक्षक सर्प डसने पर भी अकाल मृत्यु से मुक्ति प्राप्त हुई थी। तब से साप्ताहिक महायज्ञ की विधि चल रही है। स्वामी जी ने कहा कि पहले इसके प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी देवर्षि नारद को मिली थी लेकिन कलयुग में यही जिम्मेदारी मीडिया की हो गयी है कि इस कथा का प्रचार-प्रसार करें, ताकि पूरी दुनिया में शांति कायम हो सके। इसी क्रम में आचार्य लालमणि दास शास्त्री ने कहा कि वेद स्वरूप कल्प वृक्ष में लगा हुआ श्रीमद्भागवत पका हुआ एक फल है जिसमें श्री सुकदेव भगवान का मुख लग जाने से यह रस से परिपूर्ण हो गया है। इसमें गुठली व छिलका कुछ भी वस्तु त्याग नहीं है, इसलिये कथाप्रेमी जब तक इस संसार में जीवित रहें, श्रीमद्भागवत रूपी रस का पान अवश्य करते रहे, क्योंकि यह रस मात्र पृथ्वी पर ही सुलभ है जो सब प्रकार से कल्याणकारी है। इसके पहले शनिवार से शुरू होने वाले इस महायज्ञ का शुभारम्भ कलश शोभायात्रा से हुई जो कथास्थल से निकलकर पूरे क्षेत्र में भ्रमण करने के बाद पुनः वापस आकर समाप्त हो गयी। इस अवसर पर संत लाल यादव, सुरेन्द्र नाथ, बृजेश यादव, मनोज यादव, राजपति यादव, सूर्यभान यादव, राजेन्द्र यादव, राकेश मिश्र, विक्रम शर्मा, जयनाथ उपाध्याय, पवन शर्मा, राम उजागिर यादव, रामानन्द यादव, लक्ष्मीशंकर यादव, अंगद यादव, विजय शंकर यादव सहित सैकड़ों महिला, पुरूष, बूढ़े आदि उपस्थित रहे।