बहु की हत्या की आरोप में श्वसुर पति और देवर जेल में तोड़ रहे थे रोटियां , बहू प्रेमी के साथ उड़ा रही थी गुलछर्रे
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जौनपुर जिले के जलालपुर क्षेत्र में अंधा कानून फिल्म की स्टोरी चरितार्थ हो गई। इस इलाके के एक पिता अपने दो बेटो के साथ बहु की हत्या करने के आरोप में बे गुनाह दो माह तक जेल की रोटियां तोड़ी। इस परिवार की बेगुनाही आज उस समय उजागर हुई जब उसकी बहु को पुलिस ने मुंबई से जिन्दा गिरफ्तार जौनपुर लाया गया।
जौनपुर जिले के जलालपुर थाना क्षेत्र तालामझवारा गांव के निवासी गिरजाशंकर के पुत्र मनोज पाठक की शादी आज़मगढ़ जिले के अहिरौला थाना हरी पट्टी गांव के बन्नो पाठक के साथ हुआ था। कुछ दिन तो सब कुछ ठीकठाक चला। सन 2012 में बन्नो एक दिन रहस्य मय परिस्थितियों में वह लापता हो गई। घर वाले काफी दिन तक खोजबीन किया लेकिन उसका कोई अतापता नही चल सका। बन्नो के पिता ने श्वसुर गिरजाशंकर पाठक पति मनोज पाठक और देवर मनीष के खिलाफ हत्या कर शव को गायब करने का अरोप लगाते हुए जलालपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने बिना कोई जांच पड़ताल किये सभी के खिलाफ 323, 504, 506, 364 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। ये लोग करीब दो माह तक जेल में बंद थे। जमानत पर छुटने के बाद पिता गिरजा शंकर और मनोज मुबंई कमाने के लिए गये। संजोग से एक दिन मुबई के डोम्बीबली इलाके में बन्नो दिखाई पड़ गयी। मनोज उसका पीछा करके उसके छिपना का ठीकाना पता लगाने के बाद उसने स्थानीय थाने पर जाकर पूरे मामले के बारे में जानकारी दिया। पुलिस नें तुरन्त कार्यवाही करते हुए बन्नो और उसके प्रेमी आशू शेख को गिरफ्तार कर जौनपुर भेज दिया। गिरफ्तार की गयी गई महिला ने बताया कि मै अपनी मर्जी से घर छोड़कर आशू के साथ भागी थी।
जौनपुर जिले के जलालपुर थाना क्षेत्र तालामझवारा गांव के निवासी गिरजाशंकर के पुत्र मनोज पाठक की शादी आज़मगढ़ जिले के अहिरौला थाना हरी पट्टी गांव के बन्नो पाठक के साथ हुआ था। कुछ दिन तो सब कुछ ठीकठाक चला। सन 2012 में बन्नो एक दिन रहस्य मय परिस्थितियों में वह लापता हो गई। घर वाले काफी दिन तक खोजबीन किया लेकिन उसका कोई अतापता नही चल सका। बन्नो के पिता ने श्वसुर गिरजाशंकर पाठक पति मनोज पाठक और देवर मनीष के खिलाफ हत्या कर शव को गायब करने का अरोप लगाते हुए जलालपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने बिना कोई जांच पड़ताल किये सभी के खिलाफ 323, 504, 506, 364 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। ये लोग करीब दो माह तक जेल में बंद थे। जमानत पर छुटने के बाद पिता गिरजा शंकर और मनोज मुबंई कमाने के लिए गये। संजोग से एक दिन मुबई के डोम्बीबली इलाके में बन्नो दिखाई पड़ गयी। मनोज उसका पीछा करके उसके छिपना का ठीकाना पता लगाने के बाद उसने स्थानीय थाने पर जाकर पूरे मामले के बारे में जानकारी दिया। पुलिस नें तुरन्त कार्यवाही करते हुए बन्नो और उसके प्रेमी आशू शेख को गिरफ्तार कर जौनपुर भेज दिया। गिरफ्तार की गयी गई महिला ने बताया कि मै अपनी मर्जी से घर छोड़कर आशू के साथ भागी थी।