दलितों के हितों की रक्षा करना मेरा धर्मः दिलीप बलवानी
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मछलीशहर भाजपा प्रत्याशी के जाति प्रमाण पत्र पर उठे सवाल
जौनपुर (सं.) 23 मार्च। मछलीशहर सुरक्षित लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी राम चरित्तर निषाद से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। मैं दलितों के हित की रक्षा के लिये मैदान में कूदा हूं। दलितों को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई जीवन पर्यन्त लड़ता रहूंगा। किसी व्यक्ति द्वारा दलितों के अधिकारों में किये जाने वाले अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं करूंगा। उक्त बातें रविवार को नगर के एक होटल में पत्र-प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुये दलित नेता दिलीप राय बलवानी ने कही।
उन्होंने मछलीशहर लोकसभा संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार को पिछड़ी जाति का बताते हुये कहा कि श्री निषाद बस्ती जनपद के सदर तहसील के कटरा बुजुर्ग गांव के निवासी हैं मल्लाह जाति के हैं। वे वर्ष 2007 में कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर जनपद के मेहदावल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी संत कबीरनगर का पत्र दिखाते हुये पत्रकारों को बताया कि इस विस क्षेत्र से वर्ष 2007 में राष्ट्रीय दल के टिकट पर कोई अनुसूचित जाति का प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ा था।
श्री बलवानी ने कहा कि श्री निषाद कूटरचित ढंग से दिल्ली के शीलमपुर तहसील से अपना अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया और वर्ष 2009 में अपना दल के टिकट पर मछलीशहर सुरक्षित क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़े। हम इस अतिक्रमण का विरोध उस समय कागजातों के अभाव में नहीं कर सके। आज इनके जाति प्रमाण पत्र को उपजिलाधिकारी शीलमपुर दिल्ली ने मेरे विरोध करने पर वापस मांग लिया है। उपजिलाधिकारी कोर्ट ने अग्रिम आदेश तक जारी प्रमाण पत्र के उपयोग पर रोक लगा दिया है। दिल्ली का प्रमाण पत्र लेने के लिये श्री निषाद ने बी 226 गोकुलपुरी दिल्ली का पता लिखा था।
एक तरफ 2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं और पिछड़ी जाति के हैं। दूसरी तरफ इसी साल आखिरी माह में दिल्ली से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र फर्जी ढंग से बनवा लिया। इस आधार पर इनकी उम्मीदवारी मछलीशहर सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र से सरासर गलत है। भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी ने बगैर परखे प्रत्याशी बनाकर दलितों के हक पर कुठाराघात किया है जिसे अब दस्तावेजों के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग नकार देगा।