वैवाहिक समारोहों की धूम पर चुनाव की कुदृष्टि
https://www.shirazehind.com/2014/03/blog-post_6828.html
जौनपुर : लोकसभा के चुनावी महोत्सव में जहां लोग गोता लगाने को तैयार हैं। वहीं इस बीच होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों का मजा भी किरकिरा होगा क्योंकि इसी दौरान विवाह के मुहूर्त भी लगातार हैं। इसे लेकर आयोजकों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। आचार संहिता लागू होने से चुनाव वैवाहिक कार्यक्रमों में विघ्न डाल सकता है।
देखा जाय तो इस बार विवाह के अधिकतर मुहूर्त चुनाव की भेंट चढ़ जाएंगे। चुनाव के चलते वाहन, तंबू, कनात, कुर्सियां आदि सामानों का मिलना मुश्किल हो गया है। इससे परेशान होकर लोग विवाह की तारीख आगे बढ़ा रहे हैं। नहीं तो दोगुने दाम पर टेंट का सामान खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। अप्रैल व मई में विवाह कराने वालों को ऐसी समस्या से अधिक दो-चार होना पड़ा है। 15 अप्रैल से ही विवाह का मुहूर्त आरम्भ हो रहा है। अधिकतर मुहूर्त नामांकन, मतदान एवं राजनीतिक दलों की रैलियों के आस-पास ही पड़ रहे हैं जो विवाह में खलल पैदा करेगा।
पं.हौशिला प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि इस बार पहली लग्न 15 अप्रैल को पड़ रहा है। मई माह में 1, 2, 7, 9, 10, 11, 13, 15,17, 18, 24, 29 मुहूर्त है। इसी दौरान लोकसभा का चुनावी पारा भी पूरे शबाब पर होगा। बड़े-बड़े नेताओं की रैलियां जन सभाएं नामांकन, मतदान, मतगणना सभी इसी तिथियों के बीच होगी। इससे टेंट के सामानों, वाहनों आदि को बुक कराने में पसीने छूट रहे हैं। टेंट संचालक भी चुनाव होने की बात कहकर इंकार कर रहे हैं अथवा महंगे दामों पर बुकिंग कर रहे हैं। यही स्थिति वाहन स्वामियों की भी है जो अभी से चुनाव में बुक होने की बात कहकर दोगुने दाम पर वाहनों को बुक कर रहे हैं। मजबूरी में लोग बुक करा रहे हैं अथवा शादी की डेट आगे बढ़ा रहे हैं।