विश्व जल दिवस पर जगह-जगह आयोजित की गयीं गोष्ठियां
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जौनपुर। विश्व जल दिवस पर शनिवार को जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में जगह-जगह गोष्ठियों का आयोजन हुआ जहां उपस्थित वक्ताआंे ने अपना विचार व्यक्त करते हुये कहा कि ‘जल ही जीवन है।’ साथ ही जल बचाओ-देश बचाओ’ का नारा देते हुये वक्ताओं ने लोगों से आह्वान किया कि जल ही कल है।
नगर के रिजवी खां में ज्योतिर्विद डा. दिलीप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि जल वास्तविक अमृत है, क्योंकि अमृत के बिना मानवता का काम चल सकता है लेकिन अमृत रूपी जल के बिना जीवन असंभव है। विश्व में पीने योग्य जल का 97 प्रतिशत समुद्र, 2 प्रतिशत बर्फ के रूप एवं मात्र 1 प्रतिशत नदी, झील, तालाब, नदी आदि में मानव की पहुंच में है। वह भी दिनोंदिन कम, खराब, जहरीला, प्रदूषित होता जा रहा है। भारत की आधी व विश्व की 60 प्रतिशत आबादी स्वच्छ पेयजल से वंचित है। इसके अलावा भाभा अनुसंधान केन्द्र के सुरेश वर्मा, इसरो अहमदाबाद के राजकुमार, बिरला इन्स्टीट्यूट हैदराबाद के डा. दुर्गेश पाठक, समाजसेविका पद्मा सिंह, डा. विमला सिंह, प्राचार्य डा. आरडी सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया। संगोष्ठी का संचालन मनोवैज्ञानिक अलका सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रेम प्रकाश मिश्र, शिप्रा सिंह, डा. केएन राय, प्रशांत, शैलेन्द्र सिंह, दीप नारायण, मनीष सिंह, सुनील दूबे, विपिन मौर्य, एएन मिश्रा, दुष्यंत सिंह, एकता, नेहा, ममता पाल उपस्थित रहे।