1967 के आम चुनाव इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं

नई दिल्ली। 1967 के आम चुनाव इंदिरा गांधी के लिए एक चुनौती थे क्योंकि उन्हें न सिर्फ सत्ता के शिखर तक पहुंचना था, बल्कि खुद अपनी एक पहचान भी बनानी थी। चौथे लोकसभा चुनाव से पहले इंदिरा के सामने कई चुनौतियां आ खड़ी हुई थीं। एक तो देश में आर्थिक संकट था, ऊपर से विपक्ष भी उन्हें गूंगी गुड़िया समझता था। इतना ही नहीं विपक्ष ने सत्ताधारी कांग्रेस के खिलाफ जबरदस्त मुहिम छेड़ी हुई थी। इस चुनाव में कांग्रेस को बहुमत तो मिला लेकिन सीटें घट गईं। उसे 283 सीटें ही मिलीं जबकि 1962 में ये संख्या 364 की थी। पहली बार मद्रास में डीएमके ने कांग्रेस का पूरा सूपड़ा ही साफ कर दिया। कांग्रेस को केरल में भी हार का मुंह देखना पड़ा। पश्चिम बंगाल में यूनाइटेड फ्रंट और लेफ्ट फ्रंट के गठबंधन ने कांग्रेस को शिकस्त दी। 1967 के चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस के मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, एक समझौता फॉर्मूले के तहत उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया। इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनीं। इसके बाद तो गूंगी गुड़िया का चित्र और किरदार ही पूरी तरह से बदल गया। गूंगी गुड़िया कैबिनेट और देश की एकमात्र मर्द के तौर पर मशहूर होना शुरू हो चुकी थी। देश की राजनीतिक तस्वीर ही बदल गई। इसके बाद पक्ष हो या विपक्ष सबकी जुबान पर इंदिरा गांधी का नाम चढ़ गया।
1967: चौथी लोकसभा कुल सीटें 520
इंडियन नेशनल कांग्रेस-283
 स्वतंत्र पार्टी 44
भारतीय जनसंघ 35 

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