छात्रों के लैपटाप से हो रहा सरकारी काम
https://www.shirazehind.com/2013/12/blog-post_9544.html
जौनपुर : उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की
महत्वाकांक्षी लैपटाप योजना पर जनपद में पानी फिर रहा है। वजह कि सरकार की
तरफ से भले ही छात्रों को तकनीकी ज्ञान देने के उद्देश्य से लैपटाप दिया
गया है मगर जनपद में इसका प्रयोग सरकारी काम में हो रहा है। जिला प्रशासन
अपनी आंख के सामने हो रहे इस काम पर पूरी तरह से मौन है।
अखिलेश ने सरकार बनते ही अपने चुनावी घोषणाओं में से एक इंटर उत्तीर्ण छात्रों को लैपटाप वितरण की योजना को अमल में लाया। इसके बाद दो चक्रों में जनपद में सफलता पूर्वक छात्रों को लैपटाप दिया गया। वर्ष 2013-14 के आकड़ों पर गौर करे तो करीब 44 हजार छात्रों में लैपटाप वितरित किया गया है। मगर जनपद में इसका बंटाधार होता दिखाई पड़ रहा है। निर्वाचन कार्य के लिए अंतिम सूची का प्रकाशन दस जनवरी को होना है। ऐसे में एजेंसी के माध्यम से निर्वाचन का काम जोरों पर चल रहा है। जिसमें प्रदेश सरकार के करीब आधा दर्जन लैपटाप से काम हो रहा है, जिसमें कवर पर अखिलेश-मुलायम का लाल रंग का बकायदा स्टीकर भी चिपका है। दिनभर इन जगहों पर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी व अन्य अधिकारी जांच पर जाते है। आखिर प्रश्न यह खड़ा हो रहा है कि सरकारी नुमाइंदों के सामने जब खुलेआम अखिलेश सरकार द्वारा दिए गए लैपटाप का प्रयोग छात्रों में न होकर सरकारी काम में हो रहा है तो बाहर की क्या स्थिति होगी।
एजेंसी के घर वालों का हो सकता है लैपटाप: डीएम
इस बाबत जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा कि एजेंसी के घर के बच्चों का लैपटाप हो सकता है। इस बात का पता लगाने के बाद की मामले में कोई स्पष्ट कार्रवाई की जा सकती है।
अखिलेश ने सरकार बनते ही अपने चुनावी घोषणाओं में से एक इंटर उत्तीर्ण छात्रों को लैपटाप वितरण की योजना को अमल में लाया। इसके बाद दो चक्रों में जनपद में सफलता पूर्वक छात्रों को लैपटाप दिया गया। वर्ष 2013-14 के आकड़ों पर गौर करे तो करीब 44 हजार छात्रों में लैपटाप वितरित किया गया है। मगर जनपद में इसका बंटाधार होता दिखाई पड़ रहा है। निर्वाचन कार्य के लिए अंतिम सूची का प्रकाशन दस जनवरी को होना है। ऐसे में एजेंसी के माध्यम से निर्वाचन का काम जोरों पर चल रहा है। जिसमें प्रदेश सरकार के करीब आधा दर्जन लैपटाप से काम हो रहा है, जिसमें कवर पर अखिलेश-मुलायम का लाल रंग का बकायदा स्टीकर भी चिपका है। दिनभर इन जगहों पर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी व अन्य अधिकारी जांच पर जाते है। आखिर प्रश्न यह खड़ा हो रहा है कि सरकारी नुमाइंदों के सामने जब खुलेआम अखिलेश सरकार द्वारा दिए गए लैपटाप का प्रयोग छात्रों में न होकर सरकारी काम में हो रहा है तो बाहर की क्या स्थिति होगी।
एजेंसी के घर वालों का हो सकता है लैपटाप: डीएम
इस बाबत जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा कि एजेंसी के घर के बच्चों का लैपटाप हो सकता है। इस बात का पता लगाने के बाद की मामले में कोई स्पष्ट कार्रवाई की जा सकती है।