घर की 'इज्जत' को घर में मिला 'सिंदूर'
https://www.shirazehind.com/2013/12/blog-post_6267.html
मुजफ्फरनगर। कवाल बेशक आज फिर चर्चाओं में है, लेकिन
डरिए नहीं इस बार खबर नफरत या खून से सनी हुई नहीं, बल्कि इंसानी रिश्ते के
फिर से दमक उठने की है। कवाल के बाद पूरे मुजफ्फरनगर में मचे बवाल में
सचिन की विधवा स्वाति का दर्द और उसकी तनहाइयां खून-खराबे और सियासत के
अंधे दावानल में शायद कहीं गुम हो गई थीं। सुकून इस बात का है कि अब स्वाति
का दर्द बांटने और उसकी तनहाइयों का हमसफर बनने के लिए उसके सगे देवर
राहुल ने उसका हाथ थाम लिया है।
मुजफ्फरनगर दंगों की खास वजह रहे कवाल कांड में मारे गए सचिन व गौरव के परिजनों को सरकार ने राहत दी। इसके तहत सचिन की पत्नी स्वाति को नौकरी तो मिली, लेकिन इस उम्र में एक मासूम सी जान के साथ पहाड़ सी जिंदगी गुजारना भी बड़ी चुनौती थी। परिजन इस बात को लेकर फिक्रमंद थे कि घर की 'इज्जत' बाहर न जाए और सूनी मांग भी फिर सज जाए। आखिर, सहमति पर मुहर लग गई और सचिन की विधवा की सूनी मांग में देवर ने 'सिंदूर' भर दिया। इसी के साथ एक बार फिर स्वाति की नई जिंदगी के सफर का आगाज हो गया। इस कदम की समाज में चहुंओर प्रशंसा हो रही है।
मुजफ्फरनगर दंगों की खास वजह रहे कवाल कांड में मारे गए सचिन व गौरव के परिजनों को सरकार ने राहत दी। इसके तहत सचिन की पत्नी स्वाति को नौकरी तो मिली, लेकिन इस उम्र में एक मासूम सी जान के साथ पहाड़ सी जिंदगी गुजारना भी बड़ी चुनौती थी। परिजन इस बात को लेकर फिक्रमंद थे कि घर की 'इज्जत' बाहर न जाए और सूनी मांग भी फिर सज जाए। आखिर, सहमति पर मुहर लग गई और सचिन की विधवा की सूनी मांग में देवर ने 'सिंदूर' भर दिया। इसी के साथ एक बार फिर स्वाति की नई जिंदगी के सफर का आगाज हो गया। इस कदम की समाज में चहुंओर प्रशंसा हो रही है।