अब बच्चे सिखायेगे पुलिस वालो को तहजीब !
जनपद सहित पूरे प्रदेश में रौबदार पुलिसिया छवि को बदलने की कवायद शुरू हो चुकी है। किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2000 के तहत विधि का उल्लंघन करने वाले किशोरों की सुरक्षा एवं देखभाल सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए हर थाने पर सब इंस्पेक्टर के रूप में एक बाल कल्याण अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। जिले में इसके लिए विशेष किशोर पुलिस इकाई का गठन किया गया है। महिला प्रकोष्ठ सहित जिले के सभी 28 थानों में यह अधिकारी तैनात हैं। इन अधिकारियों को अब यूनिसेफ प्रशिक्षित करने जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान 18 साल से कम उम्र के बच्चों से बात करने और पेश आने का सलीका सिखाया जाएगा। जिससे वह किसी भी आरोप में पकड़े जाने पर पुलिस के संपर्क में आएं तो उनसे बेहतर व्यवहार किया जा सके। जिले के एसपी खुद इस प्रशिक्षण की निगरानी करेंगे। इसके लिए अपर पुलिस अधीक्षकों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। साथ ही सभी बाल कल्याण अधिकारियों को ट्रेनिंग में अनिवार्य रूप से हिस्सा लेने के निर्देश दिए गए हैं। बाल कल्याण अधिकारी चंदन कुमार ने बताया कि यूनिसेफ की तरफ से इस ट्रेनिंग कैंप का आयोजन आठ दिसंबर को किया जाएगा। जिसमें विधि का उल्लंघन करने वाले 18 साल से कम उम्र के किशोरों से पुलिसिया रवैये का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि किशोरों के प्रति क्या कार्रवाई होनी चाहिए।